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तीन हजार रुपये को लेकर हुई हत्या!

फास्ट फूड के ठेले पर मिलने वाले चंद रुपयों में बढ़ोतरी के लिए साथ काम करने वाला स्टाफ ही दूसरे स्टाफ की चाकू गोदकर हत्या कर देगा यह कौन जानता था। घायलावस्था में ठेला दुकानदार आशीष ने बताया कि मैं संदीप को चार सौ रुपये प्रतिदिन देता था। इसका प्रकाश विरोध कर रहा था। 8 सितंबर को जब प्रकाश छुट्टी लेने आया तो उसने नौ दिन का काम पूरा किया था मैंने उसे अपने पास से एक हजार रुपये दे दिया। इसके बाद वह चुपचाप चला गया। इसके बाद महाराजगंज में मौनिया बाबा मेला देखने की बात कह घर चला गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 09:42 PM (IST)
तीन हजार रुपये को लेकर हुई हत्या!
तीन हजार रुपये को लेकर हुई हत्या!

फास्ट फूड के ठेले पर मिलने वाले चंद रुपयों में बढ़ोतरी के लिए साथ काम करने वाला स्टाफ ही दूसरे स्टाफ की चाकू गोदकर हत्या कर देगा यह कौन जानता था। घायलावस्था में ठेला दुकानदार आशीष ने बताया कि मैं संदीप को चार सौ रुपये प्रतिदिन देता था। इसका प्रकाश विरोध कर रहा था। 8 सितंबर को जब प्रकाश छुट्टी लेने आया तो उसने नौ दिन का काम पूरा किया था मैंने उसे अपने पास से एक हजार रुपये दे दिया। इसके बाद वह चुपचाप चला गया। इसके बाद महाराजगंज में मौनिया बाबा मेला देखने की बात कह घर चला गया।

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लेकिन तीन दिन से काम पर नहीं आ रहा था। इसी बीच जब मुझे शक हुआ तो मैंने अपने रिश्तेदार कमलेश को फोन कर उसके बारे में जानकारी ली। जानकारी लेने के क्रम में पता चला कि कमलेश का मोबाइल लेकर वह पहले से ही भाग गया है और तीन हजार रुपयों सहित कपड़े की मांग रहा है।

इसके बाद मैंने चार सहयोगियों को लेकर उससे बातचीत करनी चाही तो उसने रामापाली स्थित चंवर में बुलाया।

मेरे साथ संदीप गया हुआ था। वहां जाने के बाद प्रकाश आक्रोशित हो गया और रुपयों में बढ़ोतरी को लेकर उलझ गया। उसे बताया गया कि संदीप सबसे ज्यादा काम करता है और काम के आधार पर वेतन दिया जाता है। इतने में ही प्रकाश ने संदीप के साथ मारपीट शुरू कर दी। बीच बचाव करने जब मैं गया तो संदीप नीचे गिर गया। इसी बीच प्रकाश ने चाकू निकाल कर उसके पीठ में घोंप दिया। उसके बाद जब मैंने प्रकाश को रोका तो उसके साथ जो अन्य सहयोगी थी उन्होंने लाठी से मेरी पिटाई कर दी। घटना के बाद प्रकाश के सभी सहयोगी फरार हो गए। मृतक के घर पसरा मातम

शहर के कसेरा टोली निवासी संदीप अपने परिवार चार भाई व तीन बहनों के बीच था। उसकी मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। मां का रो रो कर बुरा हाल है। बात दें कि इसके पिता की कपड़े की दुकान है। देर शाम तक चलती रही प्राथमिकी की कार्रवाई

नगर थाना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि मामले में फिलहाल परिजनों ने आवेदन दिया है। प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं संदीप के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों द्वारा जो आवेदन में आरोपित किए जाएंगे उनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।


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