समस्यओं से नहीं मिल रहा निजात
असांव थाना के मनियर टुकड़ा गांव में सरयू नदी का जल स्तर घट चुका है, लेकिन वहां के सभी ग्रामीणों को आज भी नाव के सहारे अपने गांव से मनियर शहर में बाजार करने के लिए आना जाना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरयू नदी का पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी हमारे घरों में पानी का जलजमाव लगा हुआ है। हम लोगों को पानी से ही होकर गुजरना पड़ता है।
असांव थाना के मनियर टुकड़ा गांव में सरयू नदी का जल स्तर घट चुका है, लेकिन वहां के सभी ग्रामीणों को आज भी नाव के सहारे अपने गांव से मनियर शहर में बाजार करने के लिए आना जाना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरयू नदी का पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी हमारे घरों में पानी का जलजमाव लगा हुआ है। हम लोगों को पानी से ही होकर गुजरना पड़ता है। बिहार के ग्रामीण यूपी में जाकर कर रहे बाजार :
आठ सौ की संख्या में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां के ग्रामीण यूपी में जाकर बाजार करते हैं तथा पुन: यूपी से नाव के सहारे से बिहार में लौट आते हैं। यह सिलसिला लगभग छह दिनों से चल रहा है, अभी तक सरकार द्वारा बाढ़ से प्रभावित लोगों को सिर्फ आश्वासन मिलते आ रहा है। पीड़ितों आरोप नाव की नहीं मिली सुविधा :
बाढ़ पीड़ितों के लिए बिहार सरकार द्वारा अभी तक एक भी नाव की सुविधा नहीं मिली है, जबकि यूपी सरकार द्वारा बिहार वासियों को आने जाने के लिए तीन नाव की सुविधा दी गई है। इसी नाव से बिहार के ग्रामीण यूपी आते-जाते हैं। वहीं कशिला पचबेनिया पंचायत की मुखिया कुमारी किरण ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा दरौली प्रखंड में नुबंध पर दो नाव रजिस्ट्रेशन कराया गया है, लेकिन सीओ द्वारा एक भी नाव ग्रामीणों की सुविधा के लिए नहीं दिया गया है,जबकि यूपी सरकार द्वारा तीन नाव चलाया जा रहा है। यूपी की सड़क पानी में डूब चुकी है आने में होती है परेशानी :
मनियर टुकड़ा के ग्रामीणों को आने-जाने के लिए राज्य व यूपी सरकार द्वारा सड़कें बनाई गई हैं, लेकिन बाढ़ की पानी के कारण यूपी की सड़क पानी में डूब चुकी है। वहीं बिहार की सड़क के बराबर पानी पहुंच चुका है, लेकिन सरयू नदी का पानी कम होने के कारण बिहार की सड़क को कोई क्षति नहीं हुई है। बाढ़ के पानी में सब्जी व फसल हो गई बर्बाद :
लगातार छह दिनों से बाढ़ का पानी मनियर गांव के ग्रामीणों को प्रभावित कर रहा है। इस बाढ़ के पानी में ग्रामीणों का धान की फसल एवं सब्जी में परवल, खीरा, करेला सहित अन्य फसल डूब चुकी है।