परिजनों का बयान लेने पहुंची पुलिस संग परिजनों ने किया दुर्व्यवहार
हत्याकांड के चार दिन बाद शनिवार को दारौंदा थाना की मदद से पूछताछ के लिए मृतक के घर पहुंची एमएच नगर
हत्याकांड के चार दिन बाद शनिवार को दारौंदा थाना की मदद से पूछताछ के लिए मृतक के घर पहुंची एमएच नगर थाना के पुलिस पदाधिकारियों को देखते ही मृतक मुन्ना के परिजन आक्रोशित हो गए और उन्हें खदेड़ दिया। परिजनों का आरोप था कि हत्याकांड में पुलिस शिथिलता बरत रही है और चार दिन बाद शनिवार को खानापूर्ति करने पहुंची है। बता दें कि शनिवार की दोपहर परिजनों का बयान लेने एमएच नगर थानाध्यक्ष पंकज कुमार एवं दारौंदा थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रभाकर संयुक्त रूप से गए हुए थे। परिजनों का आरोप था कि हम सभी लोग लगातार चार दिनों से पुलिस को मोबाइल पर फोन कर रहे हैं लेकिन पुलिस द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है। इसी को लेकर परिजन काफी आक्रोशित थे। जैसे ही एमएच नगर तथा दारौंदा थाने की पुलिस संयुक्त रूप से शनिवार को उक्त गांव पहुंची और सबसे पहले मृतक के दरवाजे पर एक बैठक कर कानूनी कार्रवाई के साथ घटना में शामिल हत्यारों को पकड़ने का आश्वासन देकर परिजनों का बयान के लिए घर के अंदर चली गई और बयान लेनी चाही जिस पर परिजन आक्रोशित हो गए और दारौंदा थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रभाकर के साथ दुर्व्यवहार कर जमकर बवाल काटा। इस दौरान मृतक के घर के अंदर अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। बाद में उपस्थित बगौरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र शर्मा एवं जिला पार्षद हितेश कुमार के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन पुलिस टीम बिना परिजनों का बयान लिए बैरंग वापस लौट गई।
डिब्बी गांव के इर्दगिर्द घूम रही इश्तेयाक हत्या कांड की सूई
इश्तेयाक हत्याकांड में पुलिस शातिर अपराधियों के ठिकाने तक पहुंच गई है। सूत्रों की माने तो चार दिनों से पुलिस और शातिर अपराधियों में लुकाछिपी का खेल जारी है या इसे यूं कहा जा सकता है कि पुलिस डाल-डाल और अपराधी पात-पात। इश्तेयाक हत्याकांड में शक की सूई डिब्बी गांव के इर्दगिर्द ही घूम रही है, और सूत्रों की माने तो पुलिस शार्प शूटर के नजदीक तक पहुंच चुकी है। शूटर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उसके पिता को भी हिरासत में ले लिया है लेकिन पिता द्वारा अपराधी पुत्र का पता ठिकाना नहीं बताया जा रहा है।
सदमे से नहीं उबर पा रहे हैं इश्तेयाक के परिजन, रो-रोकर बुरा हाल :
घटना के चार दिन बाद भी इश्तेयाक के परिजन सदमे से नहीं ऊबर पा रहे हैं। पुत्र की हत्या के बाद आज भी करुण चीत्कार से आसपास मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। पत्नी अफसाना परवीन एवं विधवा मां शहनाज बेगम हत्याकांड के बाद रोते-रोते बीमार हो गई हैं। दोनों घटना के बाद से सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वहीं भाइयों में क्रमश: मुमताज अहमद, गोल्डेन अहमद, इम्तेयाज अहमद, सरफराज अहमद एवं फैज अहमद का रोते-रोते बुरा हाल है। बहनों में क्रमश: शबनम खातून, शाहिन एवं शमरीन का भी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। घर के सभी
सदस्य मृतक के दो मासूम बच्चे अम्मार इश्तेयाक (5 वर्ष) एवं आयान इश्तेयाक (दो वर्ष) को देख-देख बिलख रहे हैं। बता दें कि जब दोनों अबोध बच्चे अपने खोए पिता को आवाज दे-देकर खोज रहे हैं हैं तो उस समय परिजन दहाड़ मारकर रोना शुरू कर देते हैं।
मेरे पति के हत्यारे को क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही पुलिस :
मेरे पति के हत्यारे को आखिर पुलिस क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही है। यह बोल-बोल कर इश्तेयाक की विधवा अफसाना परवीन बीमार हो गई है। परिजनों की मानें तो उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है और वह अपना आपा खो दी है। परिजनों का कहना है कि उसका इलाज डॉ. नदीम के पास कराया जा रहा है।
पुलिस ने अपने अनुसार दर्ज कराई प्राथमिकी
संसू, दारौंदा (सिवान) : इश्तेयाक अहमद उर्फ मुन्ना हत्याकांड में पुलिस ने अपने अनुसार प्राथमिकी दर्ज कराई है जिस पर परिजनों में और आक्रोश व्याप्त है। परिजनों का कहना है कि हत्याकांड में मुझे किसी पर न संदेह है और न ही हमलोगों ने किसी को देखा है। इसके बावजूद पुलिस द्वारा बरगला कर अपने हिसाब से प्राथमिकी दर्ज करा ली है और पुलिस घटना का उछ्वेदन कर लेने का दावा कर रही है