उत्खनन में दो हजार वर्ष पूर्व का मिला टेबलेट लेख
सिवान। प्रखंड क्षेत्र के तितरा टोले बंगरा गांव स्थित वाणीगढ़ पर भारतीय पुरातत्व विभाग पटना अंचल द्वा
सिवान। प्रखंड क्षेत्र के तितरा टोले बंगरा गांव स्थित वाणीगढ़ पर भारतीय पुरातत्व विभाग पटना अंचल द्वारा परीक्षणार्थ उत्खनन कार्य मंगलवार को संपन्न हो गया। उत्खनन के क्रम में बहुत से पुरातात्विक साक्ष्य मिले जो सिवान के प्राचीनतम इतिहास को वैज्ञानिक तरीके से समझने में सुविधाजनक हो। उत्खनन से यह भी बात स्पष्ट हो गया कि उत्खनन स्थल के आस पास के क्षेत्रों में विभिन्न प्राचीन संस्कृतियों के लोगों ने निवास किया। उत्खनन स्थल से प्राप्त एनपीबीडब्लू एवं धूसर मृदभांड, कुषाणकालीन टेराकोटा की मूर्तियां, खिलौने एवं पूजा पाठ के बर्तन जैसे धूपदानी, परई, दीपदानी टेराकोटा का स्टांप तथा ब्राह्मी लिपि से मिलता जुलता छोटा शिलालेख मिलना सिवान के पुरातन इतिहास को बताने के लिए काफी है। शोधार्थी कृष्ण कुमार ¨सह ने बताया कि उत्खनन से मिले पुरातात्विक साक्ष्य बता रहा है कि यह इलाका प्राचीन समय में काफी उन्नत रहा है तथा स्थल के प्राचीनता के बारे में जितना अनुमान इतिहासकारों ने लगाया था वह सटीक प्रतीत हो रहा है। आवश्यकता है वृहद उत्खनन का। उत्खनन का नेतृत्व कर रहे सहायक पुरातत्वविद शंकर शर्मा ने बताया कि इस स्थल को केवल परीक्षणार्थ उत्खनन का मात्र एक माह का आदेश मिला था जो पूरा हो गया। उन्होंने बताया कि उत्खनन से मिली पुरातात्विक अवशेषों में एबीपीडब्लू युगीन, कुषाण एवं गुप्त काल की चीजें अधिक मिली हैं। उन्होंने बताया कि उत्खनन के अंतिम लेयर से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व का टैबलेट लेख मिला है, जिसकी लिपि पढ़ने के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि क्या लिखा है। फिर लिपि का मिलना उत्खनन कार्य के लिए शुभ संकेत माना जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि गत सोमवार की शाम को मेरा प्रमोशन नालंदा संग्रहालय में सहायक अधीक्षण के पद पर हो गया।