सिवान में फर्श पर ही इलाज कराने को मजबूर हैं मरीज
कोरोना की जद में आकर लोग किस कदर बीमार पड़ रहे हैं यह सदर और अनुमंडल अस्पताल के बाहर खड़े होकर देखने से स्पष्ट हो जाएगा। अस्पताल में बेड की कमी के कारण मरीज फर्श पर ही लेट कर जिदगी की जंग लड़ने को मजबूर हैं।
सिवान । कोरोना की जद में आकर लोग किस कदर बीमार पड़ रहे हैं यह सदर और अनुमंडल अस्पताल के बाहर खड़े होकर देखने से स्पष्ट हो जाएगा। अस्पताल में बेड की कमी के कारण मरीज फर्श पर ही लेट कर जिदगी की जंग लड़ने को मजबूर हैं। हालात ऐसे हैं कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से लेकर आइसीयू या फिर पुरुष वार्ड सभी जगह ज्यादातर बेड पर कोविड पेसेंट ही इलाजरत हैं। गुरुवार व शुक्रवार को इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की काफी संख्या देखने को मिली। इस दौरान तीमारदार अपने मरीजों को नीचे ही लेटाकर इलाज करते देखे गए। बता दें कि वर्तमान समय में सदर अस्पताल में सांस की तकलीफ से परेशान मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुपात में बेडों की संख्या नहीं बढ़ सकी है जिसका खामियाजा मरीजों को ही भुगतना पड़ रहा है। इमरजेंसी कक्ष में कुल 13 बेड लगे हैं, जो पूरी तरह से भरे पड़े रह रहे हैं। एक भी बेड खाली नहीं है। गुरुवार की देर शाम को बेड के अभाव में मरीज फर्श पर ही ऑक्सीजन चढ़वाने को विवश दिखे। इनके लिए बेड की व्यवस्था करने वाला कोई नहीं था। मरीज और स्वजन दोनों परेशान थे। उस समय इमरजेंसी कक्ष के डॉक्टर भी परेशान थे। ड्यूटी डाक्टर की मानें तो प्रतिदिन 30 से अधिक गंभीर मरीज आ रहे हैं। अधिकांश को सांस लेने में परेशानी का सिस्टम है। सभी भर्ती करने के लिए दबाव बनाते हैं, लेकिन इमरजेंसी कक्ष में जगह नहीं होने के कारण परेशानी होती है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
कोरोना संक्रमण काल में वर्तमान समय में सांस लेने में हो रही परेशानी वाले मरीज पहुंच रहे हैं। हालांकि जितनी बेड है, सभी बेडों पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा भी कहीं कहीं व्यवस्था कर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
एसरारुल हक, अस्पताल प्रबंधक, सदर अस्पताल सिवान।