अनुदान पर किसानों का नहीं है ध्यान, ऑन लाइन व्यवस्था पर हो रहा विचार
सिवान। सरकार ने किसानों को उन्नत खेती के गुर के साथ साथ बोआई के दौरान होने वाली क्षति पूर्ति के साथ
सिवान। सरकार ने किसानों को उन्नत खेती के गुर के साथ साथ बोआई के दौरान होने वाली क्षति पूर्ति के साथ डीजल अनुदान की भी व्यवस्था की है लेकिन इस अनुदान के प्रति किसानों में जागरूकता नहीं है।
कारण यह है कि कृषि विभाग 10 एकड़ की भूमि पर 10 लीटर यानी 350 रुपये का अनुदान दिया जाता है, लेकिन जब किसान इस अनुदान को लेने पहुंचते हैं तो एक साथ भूमि नहीं होने के कारण अनुदान लेने में देरी हो रही है और किसान इसी कारण अनुदान लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं। यही कारण है कि अब विभाग बहुत ही जल्द अनुदान की राशि किसानों तक पहुंचाने के लिए इसे ऑन लाइन करने पर विचार कर रही है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो किसानों को अब डीजल अनुदान के लिए ऑन लाइन आवेदन करना होगा। ऑन लाइन आवेदन के बाद जिला कार्यालय से जांच के बाद उसे पटना भेजा जाएगा और वहां से सीधे अनुदान की राशि किसानों के खाते में चली जाएगी। इधर बारिश की स्थिति को लेकर कृषि विभाग ¨चतित भी है। क्योंकि अभी तक जिले में 24 एमएम की बारिश हुई है। जो खेते के लिए पर्याप्त नहीं है। क्योंकि कृषि दृष्टिकोण के अनुसार जिले में 124.8 एमएम बारिश की जरूरत है। वहीं कृषि पदाधिकारी राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कम एरिया और कम पैसा होने से किसान अनुदान लाभ कम लेते है। आने जाने और प्रक्रिया में उतना खर्च लगा जाता है। विभाग से कोई आवंटन नहीं होने के कारण प्रचार पसार भी नहीं हो रहा है। अब सरकार सीधे ऑन लाइन आवेदन कराने की तैयारी में है।