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क्वारंटाइन का लाभ लेने को भटक रहे प्रवासी, प्रशासन उदासीन

लॉकडाउन में रोजगार बंद होने पर विभिन्न साधनों से घर लौटे प्रवासी क्वारंटाइन होने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 05:04 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 05:04 PM (IST)
क्वारंटाइन का लाभ लेने को भटक रहे प्रवासी, प्रशासन उदासीन

सिवान । लॉकडाउन में रोजगार बंद होने पर विभिन्न साधनों से घर लौटे प्रवासी क्वारंटाइन होने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। है। सरकार की व्यवस्था के अनुरूप अन्य राज्यों से आए प्रवासियों को हर हाल में क्वारंटाइन होना है, चाहे होम क्वारंटाइन ही क्यों न हो। रेड जोन से आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर तथा ऑरेंज जोन व ग्रीन जोन से आने वाले प्रवासियों को होम क्वारंटाइन करना है। ऐसे में सही जानकारी नहीं मिलने के कारण प्रवासी भटक रहे हैं। ये जब गांव पहुंच रहे तो गांव वाले उन्हें सीमा पर ही रोक कर पुन क्वारंटाइन सेंटर भेज दे रहे। ऐसे में ये प्रवासी अब अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं।

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बताया जाता है कि जिस प्रवासी का घर एक कमरे का है जिसमें माता-पिता, पत्नी या अन्य सदस्य रह रहे हैं वहां उन्हें होम क्वारंटाइन का लाभ मिलना मुश्किल है। गुजरात के सूरत से अंजनी कुमार यादव, रवि शर्मा व प्रवीण कुमार तथा महाराष्ट्र के पुणे से सत्यजीत यादव,अजय यादव व विपिन कुमार ट्रेन से मुजफ्फरपुर तक की यात्रा की। मुजफ्फरपुर से बस द्वारा जीरादेई रिसिविग केंद्र पहुंचे जहां से उन्हें गुठनी स्थित सीमा आपदा राहत केंद्र पहुंचाया गया। सोमवार को सीमा आपदा राहत केंद्र से उपरोक्त छह प्रवासियों को जतौर भेज दिया गया। ये लोग रेवासी स्थित क्वारंटाइन सेंटर पहुंचे वहां पर मौजूद केंद्र प्रभारी ने उनका विवरण दर्ज कर आवासित कर लिया, मगर कुछ ही घंटों बाद वहां से निकाल रेड जोन न होने की बात कह होम क्वारंटाइन में रहने को कहा।


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