Move to Jagran APP

सिवान में मनायी गयी मकर संक्रांति

जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में शनिवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। ठंड और शीतलहरी पर आस्था का विश्वास मजबूती के साथ देखने को मिला। इस मौके पर लोगों ने घरों में ही स्नान दान कर मकर संक्रांति के पर्व को मनाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 10:39 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 10:39 PM (IST)
सिवान में मनायी गयी मकर संक्रांति

सिवान । जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में शनिवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। ठंड और शीतलहरी पर आस्था का विश्वास मजबूती के साथ देखने को मिला। इस मौके पर लोगों ने घरों में ही स्नान दान कर मकर संक्रांति के पर्व को मनाया। हालांकि कुछ श्रद्धालुओं ने दरौली, रघुनाथपुर, पतार, गुठनी नरहन घाट, सिसवन आदि सरयू घाटों पर सुबह स्नान कर पूजा अर्चना व दान पुण्य किया। वहीं महिलाओं ने नदी के तटों पर फूल, धूप और दीप जलाकर मांग गंगा से परिवार के लोगों की मंगल कामन के साथ वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की। मंदिरों के पट बंद होने के कारण बाहर ही श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद सभी घरों में परंपरा के अनुसार विशेष रूप से खिचड़ी बनाकर खाई गई। साथ ही दही-चूड़ा व तिलकुट खाने-खिलाने का सिलसिला सुबह से शाम तक चलता रहा। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन दान करने से कई गुणा अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, दान करने पर पुण्य मिलता है। माना जाता है कि आज के दिन सूर्य नारायण दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आते हैं। कहा जाता है कि आज से तिल-तिल कर दिन बढ़ने लगते हैं। आज के दिन जो भी दान किया जाता है, वह तिल के दाने से बड़ा महत्व पुण्य माना गया है। साथ ही तिल का दान करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।

loksabha election banner

घरों में हुई कुलदेवता की पूजा :

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में श्रद्धालुओं ने कुलदेवता की पूजा की। इस दौरान पुरोहितों द्वारा तिल, अरवा चावल, लाई, अदरक, गुड़ आदि पूजा सामग्री के साथ कुलदेवता की पूजा कराई गई। तत्पश्चात श्रद्धालुओं द्वारा ब्राह्मणों को भोजन करा पंचांग, वस्त्र एवं अन्य दक्षिणा देकर विदा किया गया। इसके बाद श्रद्धालु भी दही-चूड़ा, तिल आदि भोजन किए। मैरवा के कविता निवासी महाकाल के उपासक पंडित नित्यानंद पांडेय ने बताया कि मकर संक्रांति को स्नान, कुलदेवता की पूजा एवं दान पुण्य करने से घर से दरिद्रता दूर होती है तथा सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मांगलिक कार्यक्रम की हुई शुरुआत :

भगवान सूर्य के मकर रेखा में प्रवेश करने के साथ खरमास शुक्रवार की रात 8 बजकर 24 मिनट के बाद खत्म हो गया। इसके बाद सभी मांगलिक कार्यक्रम शादी-विवाह, उपनयन संस्कार (जनेव), गृहप्रवेश समेत अन्य शुभ कार्य शुरू हो गया।

बच्चों ने की पतंगबाजी :

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड के बावजूद बच्चों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। ग्रामीण इलाकों में बच्चों ने जमकर पतंगबाजी की। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ते हुए देखा गया। गांव के बाहर खाली पड़े मैदान या बाग बगीचों में बच्चों की टोलियां पतंग के साथ देखने को मिली।

पुलिस बल व एनडीआरएफ के जवान रहे तैनात :

सरयू व सिसवन घाट पर स्नान के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ पुलिस तैनात की तैनाती की गई थी। जो घाटों पर पैनी नजर बनाए हुए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.