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तीन उसर में बांटा गया है रमजान के महीने को

एक ओर गर्मी की तपिश तो दूसरी ओर रमजान का महीना।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 11:32 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 11:32 PM (IST)
तीन उसर में बांटा गया है रमजान के महीने को

सीतामढ़ी। एक ओर गर्मी की तपिश तो दूसरी ओर रमजान का महीना। लेकिन, रोजदारों के उत्साह में कोई कमी नहीं हो रही। नन्हें रोजेदारों का उत्साह भी चरम पर है। दिनभर भूखे प्यासे रहकर अल्लाह से दुआ मांग रहे हैं।

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नन्हें रोजेदार शीफत बताती है कि वे लगातार रोजा रख रही हैं। अहले सुबह सेहरी के साथ ही पांचों वक्त का नमाज अदा करती हैं।

बसारत ने कहा कि रमजान के महीने में बुराईयों का खात्मा होता है। इसलिए वह रोजा रख रहा है। रमजान में गरीबों की मदद करनी चाहिए।

तौफीक साह ने कहा कि रमजान के दौरान रोजेदारों को बुरी सोहबतों से दूर रहना चाहिए। दूसरों की मदद करनी चाहिए। इससे अल्लाहतआला खुश होते हैं।

मो. आली शान ने कहा कि दूसरों की मदद करने वालों को अल्लाह उसकी मदद खुद करते हैं। रमजान को नेकी का महीना भी कहते हैं।

मदरसा जामिया रिजविया इस्लाहुल मुस्सलमीन डीइटी के मौलाना तौकीर रजा बताते हैं कि रमजान के महीने में उम्मत के लिए खुद से नफस का पाकीजा करने के लिए अता किया गया है। इस बरकत के महीने को तीन उसरो में बांटा गया है। पहला रहमत, दुसरा बरकत एवं तीसरा जहन्नम से निजात। इस महीने में उम्मत को खूब इबादत करनी चाहिए और दिल खोल कर सदका करना चाहिए।


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