शिव के पास बच गए श्लोक के दो अक्षर ' राम '
रामकथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि मूल रामायण 100 करोड़ श्लोक की बनी। इसकी रचना भगवान शिव ने की।
सीतामढ़ी । रामकथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि मूल रामायण 100 करोड़ श्लोक की बनी। इसकी रचना भगवान शिव ने की। देवता, मानव और असुर को जब पता चला कि भ्गवान शिव के पस 100 करोड़ के श्लोक की रचना रामायणा है तो उसे लेने सभी कैलाश पर भगवान शिव के पास पहुंचे। वहां महादेव ने सभी से पूछा क्यों आए हो। सभी में कहा आपके पास 100 करोड़ श्लोक की रचना है। आप तो परमात्मा हैं आपको इसका क्या काम। यह हमें दे दीजिए। उन्होंने देवता, मानव और असुर तीनों को 33 - 33 करोड़ श्लोक दे दिया। तब उनके पास एक करोड़ श्लोक बच गए। देवता, मानव और असुर तीनों ने फिर कहा बचे श्लोक में से भी हमें दे दें आपको क्या काम। भगवान शिव ने तीनों को 33 -33 हजार श्लोक दे दिया। उनके पास अब 1 हजार श्लोक बच गया। तीनों ने फिर और श्लोक की मांग की। भगवान शिव ने फिर 33 सौ -33 सौ श्लोक तीनों में बांट दिया। तब उनके पास 100 श्लोक बच गया। तीनों ने बचे हुए श्लोक भी देने का आग्रह किया। करुणा के अवतार शिव ने उन तीनों को 33 - 33 श्लोक बांट दिया। अब भगवान शिव के पास एक श्लोक बच गया। एक श्लोक 32 अक्षर का था। तीनों ने फिर आग्रह किया। महादेव ने तीनों के बीच 10 -10 शब्द बांट दिया। भगवान शिव के पास अब सिर्फ दो शब्द बच गए वह दो शब्द बचे थे 'राम '। यही दो शब्द को महादेव ने भी धारण किया। राम नाम ही इस संसार का आधार है।