सदर अस्पताल पहुंची जांच टीम ने घंटों की पूछताछ
इलाज में लापरवाही बरतने व प्रसव के दौरान शिशु की मौत मामले में सिविल सर्जन द्वारा गठित टीम शनिवार को सदर पहुंच कर घंटों पूछताछ की।
सीतामढ़ी। इलाज में लापरवाही बरतने व प्रसव के दौरान शिशु की मौत मामले में सिविल सर्जन द्वारा गठित टीम शनिवार को सदर पहुंच कर घंटों पूछताछ की। हालांकि, एक आरोपी चिकित्सक के अवकाश पर रहने के कारण उनसे पूछताछ नहीं की जा सकी। टीम ने विभिन्न ¨बदुओं पर गहन पूछताछ करने के बाद जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपे जाने की बात कही है। जांच टीम के अनुसार अभी एक आरोपी चिकित्सक के पूछताछ करनी है। बारी-बारी से की गई पूछताछ
उपाधीक्षक की अनुशंसा के आधार पर सिविल सर्जन डॉ. टीपी ¨सह द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी शनिवार को सदर अस्पताल पहुंची। जांच टीम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. केडी पूर्वे, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. आरके यादव व प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. जेड जावेद शामिल थे। जांच टीम ने 17 एवं 18 मई को ड्यूटी में कार्यरत चिकित्सक, एएनएम व स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बारी बारी से चिकित्सक, उपाधीक्षक, ममता आदि कर्मियों से पूछताछ की। अस्पताल उपाधीक्षक ने की थी अनुशंसा :
सदर अस्पताल में ड्यूटी से गायब रहने व मरीजों के इलाज में लापरवाही बरते जाने को लेकर उपाधीक्षक ने डॉक्टर समेत पांच स्वास्थ्यकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा सिविल सर्जन से की थी। इनमें महिला चिकित्सक डॉ. रजनी सिन्हा, परिचारिका सुजाता कुमारी, सुनीता विलुंग, ममता मीना कुमारी, इंद्रकला देवी व शकुंतला देवी शामिल हैं। सदर अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा सिविल सर्जन से की गई अनुशंसा में कहा गया था कि 17 मई की 10:04 बजे रात्रि में राजोपट्टी निवासी मरीज रोजी राजा प्रसव के लिए आई। डॉ. रजनी सिन्हा ड्यूटी से अनुपस्थित थीं। इसके अलावा ड्यूटी में सुजाता कुमारी, सुनिता विलुंग, मीना कुमारी, इंद्रकला देवी व शकुंतल देवी थीं, लेकिन उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं की गई। 18 मई की सुबह 10 बजे डॉ. सुधा झा द्वारा मरीज को देखा गया, तो पता चला कि बच्चा जीवित नहीं है। कहा गया कि यहां ऑपरेशन कराने के लिए सर्जन की आवश्यकता है। बाहर जाकर मरीज को प्रसव कराना पड़ा, लेकिन बच्चा मृत था।