कलश स्थापना के साथ ग्रीष्म नवरात्रा शुरू
जिले के कई माता मंदिरों में अषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा पर ग्रीष्म नवरात्रा को लेकर कलश स्थापना कर मां भगवती की विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई।
सीतामढ़ी। जिले के कई माता मंदिरों में अषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा पर ग्रीष्म नवरात्रा को लेकर कलश स्थापना कर मां भगवती की विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई। इसी क्रम में बाजपट्टी प्रखंड परिसर में स्थित मंगलाधाम मंदिर में आचार्य कृष्ण कुमार झा के नेतृत्व में पांच यज्ञमान द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ माता मंगलाकाली के गह्वर में पांच कलश की स्थापना की गई। कलश स्थापना से पूर्व यज्ञमानों द्वारों स्थानीय अधवारा नदी के संडवारा स्थित उत्तरायणी कार्तिक कुवंर घाट से कलश में जल लाया गया। गह्वर में स्थापित महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी, पंचमुख माता गायत्री व भारत माता की प्रतिमा का जल, दूध, शक्कर, मघु व घी स्नान के बाद नए परिधान के साथ ही श्रृंगार कर सजाया गया। मंदिर परिसर व भवन को साफ-सुथरा कर फूलमाला से सजाया गया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी सह आचार्य ने कहा कि वर्ष में पांच नवरात्रा का प्रावधान है, जिसमें एक शिव नवरात्रा तथा चार शक्ति नवरात्रा है। शक्ति नवरात्रा में दो गोपनीय नवरात्रा है। ग्रीष्म नवरात्रा भी गोपनीय नवरात्रा की श्रेणी में है। इस नवरात्रा में भगवती के दस महाविद्या स्वरूप की गोपनीय अर्थात आत्मिक पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें वाचन द्वारा पाठ व जाप वर्जित होता है। मानसिक पूजा ही इसकी महत्ता है। भगवती के दस महाविद्या स्वरूप में काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला शामिल हैं। मंदिर में स्थापित कलश का विर्जन गुरुपूर्णिमा को एक बजे से पूर्व किया जाएगा। इस दौरान पाठ, जप व हवन प्रतिदिन नियमानुसार संचालित होगा। विसर्जन के बाद महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा। बताते चलें कि गुरुपूर्णिमा 27 जुलाई को है। इसी दिन रात्री 11:55 से 3:49 तक खग्रास चंद्रग्रहण है। इसका सूतक काल एक बजे से प्रारंभ होगा।