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भूख, भय और भ्रष्टाचार के खिलाफ हो प्रहार

बेशक तस्वीर बदली है इलाके का विकास हुआ है। आम आदमी की जीवनशैली में बदलाव आया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 01:48 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:26 AM (IST)
भूख, भय और भ्रष्टाचार के खिलाफ हो प्रहार
भूख, भय और भ्रष्टाचार के खिलाफ हो प्रहार

सीतामढ़ी। बेशक, तस्वीर बदली है, इलाके का विकास हुआ है। आम आदमी की जीवनशैली में बदलाव आया है। बावजूद इसके समस्याओं का अंत नहीं है। आज भी आम आदमी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। देश में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, गरीबी और बेरोजगारी जैसे समस्याएं बरकरार है। स्थानीय स्तर पर जातिवाद और सम्प्रदायवाद सामाजिक सदभाव की जड़े कमजोर कर रहा है। गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार और अन्याय के चलते अपराध का ग्राफ बढ़ा है। भूमि विवाद की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। जिले की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। जिले में उच्च और तकनीकी शिक्षा के इंतजाम नहीं है। बेरोजगारी दूर कराने की दिशा में पहल नहीं हो रही है। किसान मौसम के साथ व्यवस्था की मार से लाचार है। उद्योग जैसी चीज यहां दिखती नहीं है। सड़क, जल जमाव और जाम जैसी समस्या अब आम आदमी की जिदगी से जुड़ गया है। आखिर इन समस्याओं के लिए जिम्मेदार कौन? सवाल उठना लाजिमी है। कैसा हो हमारा सांसद, हमारी समस्याओं का समाधान कैसे हो और क्या है वोटरों की समस्या? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक जागरण ने मुख्यालय डुमरा से सटे भूपभैरो स्थित शैक्षणिक संस्थान लक्ष्य द एम में चुनावी चौपाल लगाई। चौपाल में लोगों ने राष्ट्रीय क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर बेबाकी से राय रखी। लोगों ने लगातार बढ़ रहे अपराध, बेरोजगारी और शैक्षणिक गिरावट पर रोष जताया। वहीं कहा कि हमारा प्रतिनिधि मजबूत, इमानदार और हमारी बातों को सरकार तक पहुंचा कर उसका निदान कराने वाला होना चाहिए। कृष्ण नंदन लक्ष्य और गीतेश ने सीतामढ़ी शहर में जाम की समस्या का मामला उठाया। राघवेंद्र कुमार ने अतिक्रमण, जाम और जलजमाव का मुद्दा उठाया। जोगी सिंह और नंद लाल राय ने कहा कि अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था नहीं है। रामपदार्थ राय ने स्वास्थ्य, शिक्षा, विधि व्यवस्था आदि में सुधार की मांग उठाई। सुरेश कुमार ने सीतामढ़ी को विश्व के पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित कराने की मांग की। जितेंद्र कुमार और राजू कुमार ने कहा कि हम जिन्हे वोट देते हैं वह हमें भूल जाते हैं। यहां तक कि बाद में महत्व तक नहीं देते है। कहा कि हमारा जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।

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बोले लोग :::::

जिले के किसान लाचार है। कृषि व्यवस्था बदहाल है। न सिचाई की व्यवस्था है और नहीं किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ ही मिल पा रहा है। बाजार की व्यवस्था नहीं है। बाजार के नाम पर एक मात्र बाजार समिति था, जो बर्बाद हो गया। चीनी मिल की व्यवस्था बदहाल है। अधिकांश नलकूप ठप है। खेती पर संकट उत्पन्न हो गया है। किसानों को अनाज का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। जनप्रतिनिधि को किसानों का ख्याल रखना चाहिए:- नंद लाल विद्रोही।

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हमारा जिला ओडीएफ घोषित हो गया है, लेकिन गंदगी बरकरार है। अब तक गरीबों को शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिली है। इलाके में शिक्षा की सरकारी व्यवस्था बदहाल है। प्राइवेट स्कूल संचालक री-एडमिशन के नाम पर जनता का दोहन करते है। कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। बेरोजगारी दूर कराने के लिए मजबूत प्रयास की जरूरत है। भूख, भय और भ्रष्टाचार पर प्रहार होना चाहिए : योगी सिंह।

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जिले में शिक्षा का बुरा हाल है। उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए युवाओं को भटकना पड़ता है, इसके लिए जिले में ही कॉल सेंटर की स्थापना की जरुरत है। अतिक्रमण और जलजमाव बड़ी परेशानी है। समाज में अपराध के साथ भ्रष्टाचार बढ़ा है। दिन दहाड़े हत्या और लूट हो रही है। अस्पताल बगैर चिकित्सक के चल रहे है। कृषि की व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए। इलाके के विकास के लिए उद्योगों की स्थापना जरुरी है :अजय कुमार।

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शिक्षा के जरिए ही समाज का विकास संभव है। आधारभूत संरचना का अभाव है। अब तक किसर जन प्रतिनिधि ने हर खेत को पानी और हर पेट को दाना का मुद्दा नहीं उठाया है। न जन जमाव से निजात दिलाने का प्रबंध हो सका है और नहीं सिचाई के लिए जल प्रबंधन ही हो सका है। बिहार की 11 नदियां सिचित भूमि को बर्बाद कर रही है। बाढ़ का अगर सही तरीके से प्रबंधन हो तो सूखे की समस्या का स्वत: समाधान हो जाएगा : नंद लाल राय।

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भ्रष्टाचार के चलते विकास प्रभावित हो रहा है। तमाम विभाग भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है। निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार परवान पर है। इलाके में रोजगार की व्यवस्था नही है। तेजी से लोग पलायन कर रहे है। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य का बुरा हाल है। जल जमाव और अतिक्रमण बड़ी परेशानी है। अपराध मुक्त समाज का निर्माण कराना जरूरी है। वैसे प्रत्याशी को चुनना चाहिए जो इलाके का विकास कराए, आम आदमी का दर्द समझे : नंद लाल सिंह।

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सरकार योजनाएं तो बनाती है, लेकिन उसका सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं हो पाता है। कागज पर ही योजना सफल हो जाती है। गरीबों को अब भी सरकार प्रायोजित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। वास्तविक लाभार्थी को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। अस्पतालों की हालत खराब है। शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त है। ऐसे प्रत्याशी का चयन करना चाहिए जो समाज के सभी वर्गों के लोगों को उनका मान-सम्मान दे:- रामपदार्थ राय।


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