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सीता की ममत्व से ही प्रभु ने लिया था अवतार

रामकथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि सीता के ममत्व के कारण ही प्रभु राम को अवतार लेना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jan 2018 02:11 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jan 2018 02:11 AM (IST)
सीता की ममत्व से ही प्रभु ने लिया था अवतार
सीता की ममत्व से ही प्रभु ने लिया था अवतार

सीतामढ़ी। रामकथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि सीता के ममत्व के कारण ही प्रभु राम को अवतार लेना पड़ा। उपर से जब सीता पृथ्वी पर लोगों को कष्ट सहते देख कर ममत्व से भर उठी और प्रभु को पृथ्वी पर अवतार लेने के लिए प्रेरित किया। प्रभु ने उनसे पूछा तुम मेरे बिना एक क्षण भी वियोग सहन नहीं कर सकती फिर जब पृथ्वी पर मैं लीला करने के लिए अवतार लूंगा तो यह वियोग सहन कर लोगी। क्योंकि जन्म लेने के बाद मैं जनकपुर 15 साल बाद पहुंचुंगा। सीता ने कहा मैं यह सहन कर लूंगी। लेकिन विवाह के 12 वर्ष बाद वनवास जाना पड़ेगा। सीता ने कहा मैं भी वनवास जाउंगी। प्रभु ने कहा वहां से तुम्हारा हरण हो जाएगा। सीता ने कहा कि मैं पृथ्वी के अपने पुत्रों के सुख की खातिर यह भी सह लूंगी। प्रभु ने फिर कहा उसके बाद अग्नि परीक्षा देनी होगी। सीता ने कहा मैं अग्नि परीक्षा भी दूंगी। प्रभु ने कहा उसके बाद एक सामान्य जन के कथन के कारण तुम्हें फिर ऋषि के आश्रम में अलग रहना होगा। सीता ने कहा कि मैं पृथ्वी के पुत्रों के लिए यह भी सह लूंगी और वापस धरती में भी चली जाउंगी। लेकिन आपको उनके दुख-दर्द को दूर करने के लिए पृथ्वी पर जाना ही होगा। यह भगवान की नर लीला थी। राम जब बालक थे तब पालने से उतर कर आंगन में घुमते हुए रोने लगे। रोने की आवाज पर माता कौशल्या दौड़ी आई। पूछी राघव रो क्यों रहे हो। बालक राम ने कहा मेरी छाया जैसे मैं करता हूं वैसे ही करती है लेकिन जब पकड़ने जाता हूं तो पकड़ में नहीं आती। मैं कहता हूं पृथ्वी में कोई है। माता समझाते हुए कहती है वह तो तुम्हारी छाया है। लेकिन राघव बार-बार कहते हैं नहीं कोई है। आखिर में मां ने चुप कराने के लिए कह दिया हां कोई दूसरा है। वस्तुत: छाया कोई और नहीं स्वयं सिया थी जो पृथ्वी के अंदर ही अंदर चल रही थी। प्रभु के नजदीक ही थी।

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शराबबंदी के लिए नीतीश की सराहना की

सीतामढ़ी। रामकथा के दौरान धाम की चर्चा के दौरान मोरारी बापू ने बिहार में शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। उन्होंने कहा कि पटना में रामकथा के दौरान भी मैंने इस कार्य के लिए नीतीश कुमार की सराहना की थी। उन्होंने समाज के लिए अच्छा काम किया है। ऐसा होना चाहिए। इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं।


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