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श्री बाबू ने सामाजिक विषमता को दूर कर बिहार को दी नई दिशा : डा.पंकज

सीतामढ़ी। पुनौराधाम कामिनी विवाह भवन में सोमवार को डा. श्री कृष्ण विचार मंच की ओर से बिहार केसरी स्वतंत्रता सेनानी व बिहार के मुख्यमंत्री डा. श्री कृष्ण सिंह की 132 वीं जयंती मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:24 AM (IST)
श्री बाबू ने सामाजिक विषमता को दूर कर बिहार को दी नई दिशा : डा.पंकज
श्री बाबू ने सामाजिक विषमता को दूर कर बिहार को दी नई दिशा : डा.पंकज

सीतामढ़ी। पुनौराधाम कामिनी विवाह भवन में सोमवार को डा. श्री कृष्ण विचार मंच की ओर से बिहार केसरी, स्वतंत्रता सेनानी व बिहार के मुख्यमंत्री डा. श्री कृष्ण सिंह की 132 वीं जयंती मनाई गई। समारोह का उदघाटन अखिल भारतीय साहित्य परिषद नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री व प्रख्यात साहित्यकार डा. संजय पंकज, मुख्य अतिथि स्थानीय सांसद सुनिल कुमार पिटू, विशिष्ट अतिथि विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर, डा.संजय कुमार सिंह, पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा, पूर्व विधायक गुड्डी चौधरी, रामनरेश यादव, जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान, राजद जिलाध्यक्ष शफीक खां, शिवहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष असद, एलएस कालेज मुजफ्फरपुर के प्राचार्य डा.ओमप्रकाश राय, पीएमसीएच के न्यूरोलॉजिस्ट हेड डा.संजय कुमार, संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक डा.आनंद किशोर, दिल्ली नोएडा प्रवासी महासंघ के अध्यक्ष सह समाजसेवी आलोक वत्स एवं समाजसेवी राजेश चौधरी ने संयुक्त रूप दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्षता वरीय अधिवक्ता व मंच के जिलाध्यक्ष विमल शुक्ला तथा संचालन साहित्यकार विमल कुमार परिमल ने किया। अतिथियों ने श्री बाबू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया। विषय प्रवेश कराते हुए मंच के जिलाध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता शुक्ला ने कहा कि श्री बाबू सिर्फ राजनेता हीं नहीं राष्ट्रनिर्माता भी थे। वे जात-पात की संकीर्णता से बिहारवासियों को उपर उठाकर सामाजिक न्याय का काम किया। जमींदारी प्रथा का अंत किया एवं देवघर के मंदिर में अनुसूचित जाति को प्रवेश कराया। उन्होंने डा.श्री कृष्ण सिंह को भारत रत्न की उपाधी देने की मांग केंद्र सरकार से की। अतिथियों का स्वागत करते हुए दिल्ली नोएडा प्रवासी महासंघ के अध्यक्ष व कार्यक्रम के स्वागाताध्यक्ष आलोक वत्स ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अक्टूबर का महीना भारतीय इतिहास के लिए गौरवपूर्ण है। इसी महीने में देश में महात्मा गांधी, लालबहादूर शास्त्री, डा.श्री कृष्ण सिंह सहित कई महान विभूतियों ने जन्म लिया। फº की बात है कि हम आज महान विभूति श्रीबाबू की जयंती मना रहे हैं। श्री बाबू देश ही नहीं पूरे विश्व में बिहार का परचम लहराया। समाज को राह दिखाया तथा बिहार को सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में स्थान दिलाया।

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उदघाटनकर्ता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय मंत्री व साहित्यकार डा.पंकज ने श्री बाबू के व्यक्ति एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री बाबू सामाजिक विषमता को दूर कर बिहार को एक नई दिशा दी। वे बहुआयामी विराट व्यक्तित्व के धनी थे। बिहार के नव निर्माण के लिए जीवनपर्यंत संघर्षरत रहे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई पूरी तरुणाई के साथ लड़ी। सभी धर्म व जाति के लोगों को उपर उठा कर समाज के मुख्य धारा में लाने काम किया। बिहार का चौमुखी विकास किया एवं गरीब एवं दबे-कुचले लोगों को उनका वाजिब हक दिया। वे सांप्रदायिक सदभाव के मिसाल थे। वे अपनी शर्त पर राजनीति करते थे। अंग्रेजी हुकूमत उनसे कांपती थी। ऐसे ही पूर्वजों पर हमें गर्व है। श्री बाबू भारत माता ही नहीं जनमुक्ति के लिए लड़ते रहे। आज जिस तरह महात्मा गांधी के व्यक्तित्व को हम जोड़ते हैं उसी तरह श्री बाबू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से जोड़ने की जरूरत है। कहा है कि जो सत्य को बर्दाश्त कर ले और समाज के लिए फांसी को चूम ले वही गांधी, श्री बाबू एवं भगत सिंह का वंशज हो सकता है। मुख्य अतिथि सांसद सुनिल कुमार पिटू ने कहा कि श्री बाबू ने बिहार का चौमुखी विकास किया। समाज को नई ²ष्टि व दिशा देने का काम किया। स्वतंत्रता की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई और बिहार के अग्रणी मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने श्री बाबू को भारत रत्न का सम्मान दिलाने के लिए सदन में आवाज बुलंद करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी तक मांग को पहुंचाने का आश्वासन दिया।

विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर ने कहा कि श्री बाबू ने जीवनपर्यंत सांप्रदायिकता एवं धर्मनिरपेक्षता को कायम रखा। जमींदारी व्यवस्था का उन्मूलन किया व अनुसूचित जाति को सम्मान देने का काम किया। युवाओं को निश्चित रूप से सीख लेनी चाहिए। पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा ने श्री बाबू की जयंती समारोह का साप्ताहिक आयोजन गांव-गांव करने पर बल दिया। कहा कि आज के युवाओं को श्रीबाबू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को आत्मसात करने की जरूरत है। धन्यवाद ज्ञापन कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार तिवारी ने किया। विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किए गए सम्मानित

जयंती समारोह में डा.श्री कृष्ण विचार मंच की ओर से पिछले लोस चुनाव में ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मृत पीठासीन पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार शाही की विधवा कंचन कुमारी, व्यापार व समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका के लिए ओमप्रकाश झा राजू, राजेश सिंह, राजेश वात्सायन, बजेश कुमार सिंह, शशि कुमार, पुनौरा पूर्वी पंचायत के मुखिया गणेश महतो व प्रसार भारती के अपर महानिदेशक डा.शैलेंद्र कुमार को बुके व चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मौके पर विजय कुमार शुक्ला, अरुण गोप, दिलीप शाही, भानू सिंह, अफाक खान, शिवशंकर शर्मा, संजय कुमार, साहित्यकार राजेंद्र सिन्हा, डा.अलोक कुमार, अंजारूल हक तौहीद, अभिषेक शांडिल्य, संजीव भूषण, उषा शर्मा, पूर्व मुखिया कुंदन कुमार, संजय सिंह, ताराकांत झा, समूद आलम, दिनकर पंडित, चंदन कुमार ठाकुर समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।


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