यक्ष्मा मरीजों की खोज को गांवों में शुरू हुआ अभियान
जिले के सभी प्रखंडों के चिह्नित गांवों में गुरुवार को सघन टीबी (यक्ष्मा) खोज अभियान शुरू हुआ।
सीतामढ़ी। जिले के सभी प्रखंडों के चिह्नित गांवों में गुरुवार को सघन टीबी (यक्ष्मा) खोज अभियान शुरू हुआ। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर संदिग्ध टीबी मरीजों की खोज कर उनका इलाज करेंगे। सिविल सर्जन डॉ.रविद्र कुमार व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ.मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर प्रचार वाहन को सभी प्रखंडों में रवाना किया। सीएस डॉ.कुमार ने बताया कि प्रचार वाहन चिह्नित गांवों में जाकर लोगों को टीबी के लक्षण, जांच, इलाज, सरकार द्वारा देय प्रोत्साहन राशि व सुविधाओं के संबंध में जागरूक करेगा। यह अभियान वर्तमान में राज्य के मात्र दो जिलों सीतामढ़ी व मधेपुरा में चलाया जा रहा है। जो 24 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें स्वास्थ्यकर्मी जिले के 15 फीसद आबादी करीब छह लाख को चिह्नित कर करीब 12 हजार लोगों के बलगम की जांच करेंगे। वहीं, करीब 363 नए रोगियों की पहचान करने का लक्ष्य निर्धारित है। टीबी खोज अभियान समय-समय पर आगे भी कई चरणों में चलाया जाएगा। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ.कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा टीबी मरीजों की जांच एवं इलाज की निश्शुल्क व्यवस्था की गई है। इलाज की अवधि में मरीजों को प्रतिमाह पांच सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि निश्चय पोषण योजना के तहत उनके बैंक खाते में भुगतान की जाती है। वर्तमान में कुल आवंटन की 85 फीसद राशि मरीजों को भेजी जा चुकी है। उन्होंने लोगों से क्षय रोग जागरूकता व खोज अभियान 2019 में स्वास्थ्यकर्मियों को सहयोग करने की अपील की। कहा कि जिन लोगों को 15 दिनों से खांसी, बुखार, वजन घटना, कमजोरी, संध्या समय पसीना आना आदि लक्षण हो तो उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बलगम जांच कराकर यक्ष्मा का पता लगाने व पहचान होने पर पूरा कोर्स इलाज कराने की नसीहत दी। जांच कार्य में सहयोग के लिए राज्यस्तर से विशेष डायग्नोस्टिक वैन चिकित्साकर्मियों के साथ भेजा गया है। इसमें सीबीएन एएटी जांच की भी सुविधा होगी। मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.सुनील कुमार सिन्हा, सदर अस्पताल उपाधीक्षक शकील अंजुम, स्वास्थ्य प्रबंधक शंभू शरण सिंह, डीईओ रंजन शरण, एलटी शमीम आजाद व याहया सहित अन्य यक्ष्माकर्मी मौजूद थे।