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नतीजे ने बदल दिए पंचायत सरकार की सूरत

सीतामढ़ी। प्रखंड में पंचायत चुनाव के नतीजे पंचायत सरकार को पूरी तरह से बदल दिया है। बदलाव की आंधी में जहां बड़े-बड़े दिग्गज औंधे मुहं गिर गए है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:31 PM (IST)
नतीजे ने बदल दिए पंचायत सरकार की सूरत
नतीजे ने बदल दिए पंचायत सरकार की सूरत

सीतामढ़ी। प्रखंड में पंचायत चुनाव के नतीजे पंचायत सरकार को पूरी तरह से बदल दिया है। बदलाव की आंधी में जहां बड़े-बड़े दिग्गज औंधे मुहं गिर गए है। वही मुखिया के आधा से अधिक सीटों पर महिलाओं ने बाजी मारी है। कुल मिलाकर मुखिया के 11 पदों पर सभी नए चेहरे आसीन हुए है। हालांकि बाजितपुर बौरा पंचायत में नवनिर्वाचित मुखिया ने अपनी परिवार की सीट को बचाने में सफल रही है। जबकि यहां जिला परिषद के दो सीट पर नए युवा प्रत्याशियों के खाते में चला गया है। जिला परिषद क्षेत्र संख्या 33 से संदीप ठाकुर विजयी हुए है। उन्हें पिछले चुनाव में सफलता नही मिली थी। इस दूसरी बार के प्रयास में उन्होंने 6271 मत लाकर चुनाव जीता है। बलहा गांव निवासी संदीप ने दिग्गज प्रतिद्वंदी राजद नेता श्रीनाथ राय को 942 मतों से शिकस्त दी है। संदीप पहली बार चुनाव जीते है। इसी तरह क्षेत्र संख्या 34 से गाढ़ा गांव निवासी शबनम परवीन ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी मो. जफरुल्लाह खान को शिकस्त दी है। सभी 11 नए चेहरे चुनाव जीत कर मुखिया बने :

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प्रखंड के कुल 11 पंचायतों में मुखिया का चेहरा भी बदला-बदला सा नजर आएगा। यहां कुल 11 में वैसे तो सभी नए चेहरे है, लेकिन बौरा बाजितपुर पंचायत में नवनिर्वाचित मुखिया मनीषा कुमारी ने जीत दर्ज कर अपने परिवार की सीट को बचाने में सफल रही है। इनमे मुखिया के आधा से अधिक सीटों पर महिलाओं ने बाजी मारी है। चुनाव नतीजों के अनुसार

आवापुर उतरी पंचायत से मो. जमालुदीन ने सफलता हासिल की है। उन्होंने 811 मत लाकर प्रतिद्वंदी अकरम आजाद को शिकस्त दी। जदयू के प्रखंड अध्यक्ष रह चुके जमालुदीन पहली बार मुखिया बने है। इनके प्रतिद्वंदी अकरम को 800 मत मिला। इसी तरह आवापुर दक्षिणी पंचायत से मो. जकउल्लाह जकी को 951 मत प्राप्त हुआ। पहली बार मुखिया बने जकउल्लाह ने वर्तमान मुखिया महफूज आलम को 107 मतों से पराजित किया। महफूज आलम को 844 वोट मिला। गाढ़ा पंचायत में भी सत्ता का परिवर्तन हुआ है। यहां से जाफराना खातुन 1394 मत लाकर विजयी हुई है। उन्होंने वर्तमान मुखिया को 354 वोटों से शिकस्त दी है। प्रतिद्वंदी शबनम परवीन को 1040 मत प्राप्त हुए है। बछाड़पुर पंचायत में भी वर्तमान मुखिया जवाहर साह अपनी सीट नही बचा सकें। उन्हें हसमत अली ने 2102 वोट लाकर 778 मतों से शिकस्त दी। जवाहर साह को 1324 वोट मिला। बलहा मधुसूदन पंचायत में उषा यादव 2051 मत लाकर विजयी हुई है। उन्होंने वर्तमान मुखिया नीरो देवी को 481 मतों से पराजित किया। वर्तमान मुखिया नीरो देवी को 1570 मत मिले। रामनगर बेदौल पंचायत में परिवर्तन की लहर देखी गई। यहां से शंभु कुमार 1790 मत लाकर पहली बार मुखिया बने। उन्होंने प्रतिद्वंदी संजय कुमार भगत को 501 मतों से हराया। संजय को कुल 1189 मत मिले। इस पंचायत के वर्तमान मुखिया व जदयू के प्रखंड अध्यक्ष रामाशंकर साह तीसरे स्थान पर रहे। इसी तरह भिट्ठाधर्मपुर पंचायत में इंद्रा देवी (1) ने 1677 मत लाकर पहली बार मुखिया बनी है। उन्होंने प्रतिद्वंदी

आशा देवी को 217 मतों से पराजित किया। आशा को 1460 मत मिले। जबकि वर्तमान में मुखिया रही सरिता कुमारी काफी पीछे रह गई। हरिहरपुर पंचायत में लगातार दो बार से मुखिया रहे संतोष कुमार सिंह इस बार कुर्सी बचाने में असफल रहे। इस पंचायत में सखिया देवी 1312 वोट लाकर पहली बार मुखिया बनी। संतोष को सिर्फ 1194 मत मिला। बाजितपुर बौरा पंचायत में सबसे कम उम्र की मनीषा कुमारी 1216 मत लाकर मुखिया बनी। उन्होंने अपने ससुर की माता रामप्यारी देवी की सीट को घर मे सुरक्षित रखने में सफल रही। उन्होंने प्रतिद्वंदी नीलम देवी को143 मतों से शिकस्त दी। नीलम को 1073 मत मिले। हरदिया पंचायत की बात करे तो राजन कुमार लगातार दो बार के प्रयास के बाद तीसरी बार 2331 मत लाकर पहली बार मुखिया बने है। उन्होंने प्रतिद्वंदी व वर्तमान में मुखिया रहे रामकुमारी देवी के पुत्र मनोज कुमार को 1318 मतों से पराजित किया। मनोज को 913 मत मिले। गंगटी पंचायत से इसरत जहां नई मुखिया बनी है। उन्होंने 1258 मत लाकर प्रतिद्वंदी तोसोबर आरा परवीन को 524 मतों से हराया है। तोसोबर को 734 मत मिला है। सबसे कम और अधिक मतों से जीतकर हुए सफल : इस बार पंचायत चुनाव में परिवर्तन की आंधी आई। एस पंचायत चुनाव में दिग्जजो को करारी हार मिली। कुछ ऐसे भी प्रत्याशी रहे जो कम मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे। वही एक ऐसे भी मुखिया रहे जिनकी लहर के आगे बड़े-बड़े दिग्गज औंधे मुंह गिर गए। प्रखंड के कुल 11 पंचायतों में सबसे कम वोटों के अंतर से जीतने वाले का श्रेय आवापुर उतरी पंचायत के मुखिया व पूर्व जदयू प्रखंड अध्यक्ष मो. जमालुदीन को जाता है। उन्होंने 811 मत लेकर प्रतिद्वंदी अकरम आजाद को महज 11 मतों से शिकस्त दी। जबकि सबसे अधिक मतों से जीतने का श्रेय हरदिया पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया राजन कुमार को जाता है। राजन ने लगातार दो बार शिकस्त मिलने के बार तीसरी बार मे हैट्रिक लगाया और प्रतिद्वंदी मनोज कुमार को 1318 मतों से करारी हार दी। इस बार उनके नाम की लहर में सभी 8 विरोधी गायब हो गए। कई राजनीतिक पार्टी के दिग्गज भी चुनाव हारे : परिवर्तन के आंधी में आम प्रत्याशी ही नही, कई राजनीतिक पार्टी के नेताओ को भी जनता ने नकार दिया। सबसे पहले जिला परिषद सीटों की बात करे तो क्षेत्र संख्या 33 से 2 भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। यहां से भाजपा समर्थित प्रत्याशी संदीप ठाकुर पहली बार चुनाव जीत गए। दूसरे प्रयास में जीतने वाले संदीप को 6271 मत मिला। उन्होंने लगातार कई बार से इस क्षेत्र से कब्जा जमाने वाले राजद के दिग्गज नेता श्रीनाथ राय को 942 मतों से करारी हार दी। वर्तमान जिला परिषद राय को कुल 5529 मत मिले। जबकि क्षेत्र बदलकर चुनाव मैदान में आई भाजपा समर्थित मंजू देवी को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। इन्हें कुल 3648 वोट प्राप्त हुआ। इसी तरह क्षेत्र संख्या 34 से हाल ही में गाजियाबाद पुलिस के हत्थों चढ़ा गाढ़ा गांव निवासी मो. इरफान उर्फ उजाले की पत्नी व पति की कारगुजारी में गाजियाबाद पुलिस के समक्ष जमानत पर आई शबनम परवीन के प्रति जनता ने विश्वास जताया। शबनम ने प्रतिद्वंदी जदयू के जिला महा सचिव जफरुल्लाह खान को काफी मतों से शिकस्त दी।


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