राधा प्रेमिका तो सीता सेविका
ामकथा के दौरान मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू ने कहा कि सीता और राधा के तत्व में कोई अंतर नहीं है। लेकिन दोनों के चरित्र में थोड़ा अंतर है।
सीतामढ़ी । रामकथा के दौरान मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू ने कहा कि सीता और राधा के तत्व में कोई अंतर नहीं है। लेकिन दोनों के चरित्र में थोड़ा अंतर है। राधा सेविका है तो सीता सेविका। राधा रूठती है लेकिन सीयाजुल नहीं रूठती। राधा ग्रामीण है और सीता नगर की। राधा नगर में कभी नहीं गई। द्वारिका भी नहीं गई। केवल कुरुक्षेत्र में गई थी। लेकिन कुरुक्षेत्र नगर नहीं एक तीर्थ है। ऐसा शास्त्रों में उल्लेख है। जबकि सीता नगर की है लेकिन वह गांव में गई। बनवास यात्रा के दौरान ग्रामीण स्त्रियों के साथ बैठती थी उनसे बातें करती थी। राधा ने कृष्ण के प्रति कठोर शब्द का उपयोग किया लेकिन सीता ने राम के लिए कभी भी कठोर शब्द का उपयोग नहीं किया। राधा के कारण कोई युद्ध नहीं हुआ लेकिन सीता के कारण युद्ध् हुआ। राधा के कृष्ण स्वर संधान करते हैं बांसुरी बजाते हैं। सीता के राम सर संधान करते हैं। एक सुर और दूसरे सर का संधान करने वाले हैं।