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Bihar Flood: नदियों ने ढ़ाया सितम, हर तरफ दर्द व गम ...और पानी में बह गए अरमान

Bihar Flood उत्‍तर बिहार में जल प्रलय अा गया हैं। हमने बाढ़ प्रभावित सीतामढ़ी में हालात को करीब से देखा। सीतामढ़ी के सुप्पी प्रखंड का चप्पा-चप्पा तबाही की तस्वीर बयां कर रहा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 12:24 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 10:13 PM (IST)
Bihar Flood: नदियों ने ढ़ाया सितम, हर तरफ दर्द व गम ...और पानी में बह गए अरमान
Bihar Flood: नदियों ने ढ़ाया सितम, हर तरफ दर्द व गम ...और पानी में बह गए अरमान

सीतामढ़ी [रविभूषण सिन्हा]। हर तरफ पानी ही पानी। कहीं डूबे घर तो कहीं खेत। स्कूल, सामुदायिक भवन, चापाकल, बोरिंग, खेत और खलिहान सब के सब जलप्रलय के शिकार। जहां तक नजर जाती है, पानी ही पानी। यह नेपाल सीमा से सटा बिहार के सीतामढ़ी का सुप्पी प्रखंड है। यहां का चप्पा-चप्पा तबाही की तस्वीर बयां कर रहा है।

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पल भर में डूब गई खून-पसीने की कमाई

बाढ़ का हाल जानने हम पहुंचे सुप्‍पी प्रखंड के परसा गांव। यहां की मरछिया देवी, गोनौरी देवी, तेतरी देवी, रंगलाल सहनी और रामबाबू राय जिंदगी भर की कमाई और घर नदी की तेज धार में बहते देख अब तक बदहवास हैं। रंगलाल सहनी बताते हैं कि जिंदगी भर की खून-पसीने की कमाई एक पल में नदी की धार में विलीन हो गई।

रोपनी के दूसरे दिन ही बह गईं फसलें

बाढ़ के चलते खेल-खलिहान और अपना बागवान उजडऩे का गम लोगों के चेहरों पर साफ दिखा। घरवारा निवासी देवकी नंदन महतो, जमला निवासी पुरुषोत्तम सहनी, गोपाल सहनी बताते हैं कि महाजन से कर्ज लेकर बिचड़ा गिराया था। बारिश होते ही रोपनी शुरू कर दी थी, लेकिन दूसरे दिन ही बांध टूटने के चलते फसलें बह गई।

...और बाप के कंधों पर बेटे के शव का बोझ

सुप्पी प्रखंड के मधुरापुर गांव निवासी भागनारायण महतो के घर मातमी सन्नाटा पसरा था। तीन दिनों पहले रीगा लचका के पास ट्रैक्टर पलटने से उनकी मौत हो गई थी। इसी हादसे में अख्ता निवासी बेचू साह के पुत्र जय किशोर साह और कौशल प्रसाद के पुत्र पवन कुमार भी बह गए। एनडीआरएफ की तलाशी में भी शव नहीं मिले।

तीन दिनों बाद ग्रामीणों ने वहां जाकर दोनों शवों को खोज निकाला। शव मिलने की खबर के बाद से ही गांव चीत्कार में डूब गया। मंगलवार की शाम तक परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव लाए जाने का इंतजार करते दिखे। पवन की पत्नी गोद में दो साल के बच्चे को लेकर छाती पीट-पीट कर रो रही थी। तीन साल पूर्व ही उसकी शादी हुई थी। बेचू साह का भी रो-रो कर बुरा हाल था। उन्हें उम्मीद थी कि बेटा कहीं जिंदा होगा। उन्होंने कहा, बताइए साहब, एक बाप अपने बेटे को कंधा देगा? 


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