कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन
सीतामढ़ी। जिला मुख्यालय डुमरा स्थित गीता भवन के सभागार में अमन-चैन व सदभावना को समर्पित कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया।
सीतामढ़ी। जिला मुख्यालय डुमरा स्थित गीता भवन के सभागार में अमन-चैन व सदभावना को समर्पित कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शफी आजिज ने की। संचालन सत्येंद्र मिश्र ने किया। कवि सम्मेलन का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ' साजिशें जितनी भी रच लें मगर नाकाम होंगी, यहां सदभाव की सुबह, अमन की शाम होगी ' से हुआ। सत्येंद्र मिश्र की रचना ' मोहब्बत के दीये जले इस जहां में, जमीं पे जलें और आसमां में ' एवं शफी आजिज की गजल ' आज के आदमी से आदमीयत का पता पूछो,कहां पे आदमीयत खो दिया ये भी जरा पूछो ' ने महफिल को गति प्रदान की। इं.स¨चद्र कुमार हीरा की ' जिसे बजा कर सत्ता मिलती, क्या जाति ही वह ढोल नहीं ' गुफरान राशिद की गजल ' दामन में तेरे प्यार के मोती मैं डाल दूं, नफरत जो तेरे दिल में है दिल से निकाल दो ' एवं युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य की रचना ' मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा आदर देता सबको वतन हमारा ' ने महफिल को जवां बना दिया। ममता वर्मा की रचना ' बहा के दिलों में मुहब्बत का दरिया, आओ बदल दें लोगों का नजरिया ' डा.शत्रुध्न यादव की कविता ' सबका का मालिक एक फिर क्यों बंटा हुआ संसार है ' देवेशकुमार ¨सह की ' झुलसे चमन में एकता का दिलकश मौसम लाएंगे ' एवं बाल कवि रवि किशन की रचना ' नफरत की खाई को पाट देना है ' ने खूब वाहवाही बटोरी। मौके पर डॉ.आनंद प्रकाश वर्मा, नवोदित कवि विकास कुमार, कवयित्री वर्षा आनंद, सुजीत मुस्कान, रामबाबू ¨सह बनगांव, रामानंद यादव, जितेंद्र झा आजाद, जयंत कृष्ण, शिवम, अनिल अंकन एवं दिनेश राय आदि ने अपनी रचनाओं से महफिल में छटा बिखेर दिया।