रंजन की मौत पुलिस के लिए बनी अबूझ पहेली
सीतामढ़ी। मेजरगंज की वारदात में एसपी अनिल कुमार ने कहा कि चार अपराधियों के शामिल होने
सीतामढ़ी। मेजरगंज की वारदात में एसपी अनिल कुमार ने कहा कि चार अपराधियों के शामिल होने की बात प्रकाश में आई है। उनके शब्दों में ही तीन अपराधी पकड़े जा चुके हैं, एक अपराधी का शव बरामद हुआ। फिर भी एक अन्य की तलाश है जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। सवाल लाजिमी है कि तब तो पांच अपराधी हुए। एसपी ने प्रेस को जारी बयान में बताया है कि 15 फरवरी को मेजरगंज थाना क्षेत्र में लूट की एक घटना हुई थी। जिसमें शामिल एक अपराधी के कुंआरी मदन गांव में सुधा देवी के घर में छुपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। उस सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु पुअनि दिनेश राम स्वयं और अपने एक सहयोगी पुअनि रजा अहमद के साथ उस इलाके के तीन चौकीदारों के साथ गए थे। मगर, वहां जाकर पता चला कि एक के बदले चार-चार अपराधी मौजूद थे। इसका मतलब यह हुआ कि पुलिस को यहां मुकम्मल सूचना नहीं मिल पाई। जिस तरह अपराधियों के पास से हथियार बरामद हुए हैं उससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधी वहां असलहों से लैस थे। एसपी ने यह तो बताया कि बदमाशों में से ही किसी ने रंजन सिंह की हत्या की। मगर वो शख्स कौन है उसका पता पुलिस को नहीं लग पाया है। रंजन के शव के पास से पुलिस को एक खोखा एवं 7.65 एमएम का एक जिदा कारतूस बरामद हुआ। उस शख्स का नाम पता नहीं चलने के कारण ही पुलिस ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। रंजन का शव जहां से बरामद हुआ वह कुंआरी मदन गांव से एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर केले का एक बगान में पड़ता है। एसपी ने उस स्थल को घटना से कुछ दूरी पर बताया है।