सीतामढ़ी नगर थाने का दारोगा गिरफ्तार, इंस्पेक्टर फरार
सीतामढ़ी पटना से आई निगरानी टीम की नगर थाने में छापेमारी के बाद दारोगा प्रमोद कुमार-2 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं नगर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर सुबोध कुमार मिश्रा फरार हो गए। छापेमारी में बड़े पैमाने पर जब्त शराब की हेराफेरी का मामला सामने आया है। मामले में गिरफ्तार दारोगा समेत कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ नगर थाने में डीएसपी मुख्यालय पीएन साहू के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। जबकि इंस्पेक्टर और दारोगा निलंबित कर दिया गया है। जबकि एसपी अनिल कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नगर थाने में तैनात क्यूआरटी के आठ जवानों को हटा दिया
सीतामढ़ी। पटना से आई निगरानी टीम की नगर थाने में छापेमारी के बाद दारोगा प्रमोद कुमार-2 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं नगर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर सुबोध कुमार मिश्रा फरार हो गए। छापेमारी में बड़े पैमाने पर जब्त शराब की हेराफेरी का मामला सामने आया है। मामले में गिरफ्तार दारोगा समेत कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ नगर थाने में डीएसपी मुख्यालय पीएन साहू के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। जबकि, इंस्पेक्टर और दारोगा को निलंबित कर दिया गया है। एसपी अनिल कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नगर थाने में तैनात क्यूआरटी के आठ जवानों को हटा दिया है। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सीतामढ़ी में हुई इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। बताते चलें कि आइजी प्रोविजन रत्न संजय के नेतृत्व में पटना से आई टीम ने शुक्रवार की दोपहर नगर थाने में छापेमारी शुरू की थी। इस दौरान नगर थाने के मालखाना समेत तीन कमरों को तोड़ कर जब्त शराब, नष्ट शराब, शराबबंदी के बाद जब्त शराब से जुड़े केस की सघन जांच की गई। टीम को बड़ी मात्रा में ऐसी शराब मिली, जिनका कहीं कोई लेखाजोखा नहीं है। इंस्पेक्टर समेत पुलिसकर्मियों से लंबी पूछताछ की गई। निगरानी टीम के समक्ष इंस्पेक्टर मिश्रा दारोगा प्रमोद कुमार-2 को जिम्मेदार बताकर खुद आधी रात में ही फरार हो गए। एसपी कुमार और डीएसपी मुख्यालय की मौजूदगी में हुई जांच में गड़बड़ी उजागर होने के बाद एसपी ने तत्काल प्रभाव से नगर थाने की क्यूआरटी के सभी आठ जवानों को हटा दिया। बताया जा रहा है कि नगर थाने की पूरी टीम को हटाने की तैयारी की जा रही है। एसपी अनिल कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून के प्रति लापरवाही बरतने को लेकर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर मिश्रा और दारोगा सह गश्ती पदाधिकारी प्रमोद कुमार-2 को निलंबित कर दिया गया है। दारोगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसपी ने बताया कि मामले की जांच जारी है। जांच का जिम्मा डीएसपी मुख्यालय पीएन साहू को दिया गया है। इधर, पटना से आई जांच टीम ने जांच के बाद जहां नगर थाने के महत्वपूर्ण फाइलें जब्त कर ली है, वहीं मालखाना समेत तीन कमरों को सील कर दिया है।
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शराब बेचने की सूचना पर हुई छापेमारी
सीतामढ़ी : नगर थाना पुलिस द्वारा जब्त शराब बेचने और लोगों में बांटने व शराब का धंधा कराने की मिली गुप्त सूचना के बाद पटना से आई चार सदस्यीय टीम ने शुक्रवार की दोपहर नगर थाने में छापेमारी की। मालखाने में जब्त शराब, नष्ट की गई शराब और शराब जब्त करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी आदि की सूक्ष्मता से जांच की। साथ ही दर्जनों फाइल खंगाली। जांच टीम ने शराब जब्ती अभियान के दौरान छापेमारी में शामिल टीम, पुलिस अधिकारी, होमगार्ड, सैप जवान और वाहन चालक आदि की बिदुवार जानकारी ली। पूछताछ की। नगर थाने में दर्ज मामलों के अनुसंधानक के अलावा शराब जब्त करने वाले गश्ती अधिकारी से भी लंबी पूछताछ की। डेढ़ बजे तक छापेमारी चली। जांच में पाया गया कि 27 लीटर अतिरिक्त अंग्रेजी शराब रखी गई है। जब्त शराब की बाबत पूछे जाने पर नगर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर सुबोध कुमार मिश्रा ने टीम को बताया कि उक्त शराब दारोगा प्रमोद कुमार-2 ने जब्त की थी। जबकि प्रमोद कुमार-2 ने उक्त शराब की बाबत कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद रात डेढ़ बजे निगरानी की टीम प्रमोद कुमार को लेकर शराब बरामदगी स्थल रिग बांध पहुंची। यहां भी उनसे पूछताछ की गई। उन्हें वहीं से हिरासत में लेकर बथनाहा थाने के हाजत में भेज दिया गया। इसकी भनक मिलते ही इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष मिश्रा फरार हो गए। इधर, शनिवार को भी निगरानी टीम ने नगर थाने पहुंच कर मामले की जांच की। साथ ही एसपी से भी बातचीत की। बताया गया है कि नगर थाना पुलिस द्वारा शराबबंदी के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान जब्त शराब की हेराफेरी की गई थी। इसकी मिली सूचना मुख्यालय पटना को मिली थी। मुख्यालय के निर्देश पर सीतामढ़ी पहुंची टीम ने मामले की जांच की।
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लंबे समय से नगर थाने में चल रहा था शराब का खेल
सीतामढ़ी : नगर थाना ही नहीं जिले के कई थानों की पुलिस के संरक्षण में शराब का काला कारोबार चल रहा है। चाहे सीमाई इलाके के थाने हो या फिर हाईवे वाले थाने। पुलिस के संरक्षण में ही जिले में शराब का अवैध कारोबार फल-फुल रहा है। नगर थाने में शराब की होम डिलेवरी को लेकर क्यूआरटी, टाइगर और पैंथर मोबाइल की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही है। यह अलग बात है कि नगर थाने में हुई छापेमारी में अन्य दोषी के बजाए दारोगा प्रमोद बली का बकरा बन गया। पुलिस महकमे में दारोगा प्रमोद कुमार-2 की गिरफ्तारी की चर्चा होती रही। थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर ने अपनी गर्दन बचाने के लिए पूरे मामले का ठिकड़ा प्रमोद के सिर पर फोड़ दिया। नतीजतन उनको जेल जाना पड़ा। वैसे प्रमोद कुमार शराब मामले में जेल जाने वाले पहले दारोगा नहीं है। इसके पूर्व रून्नीसैदपुर के तत्कालीन दारोगा अवनी भूषण कुमार को भी शराब कारोबार के संरक्षण में जेल जाना पड़ा था। वर्ष 2017 में पुलिस ने शराब माफिया से साठगांठ रखने पर रुन्नीसैदपुर थाने में तैनात दारोगा अवर निरीक्षक भूषण को गिरफ्तार किया था। उनके मोबाइल से शराब माफियाओं के मोबाइल नंबर व मैसेज मिले थे। इओयू की टीम ने शराब की एक बड़ी खेप अरवल जिले के कलेर में पकड़ी थी। पूछताछ में ट्रक चालक ने बताया था कि उसे यह खेप लेकर वैशाली जाना है। टीम के सदस्य उसे गिरफ्त में लेकर वैशाली पहुंचे। जहां पर शराब माफियाओं ने उसे ट्रक लेकर मुजफ्फरपुर आने को कहा। एनएच 28 पर ही चांदनी चौक के समीप इओयू की टीम ने 1250 लीटर शराब की खेप के साथ पांच को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए लोगों में तीन सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर, मुजफ्फरपुर के एक और एक दिल्ली का था। पूछताछ में रुन्नीसैदपुर निवासी अजीत राय ने इओयू को बताया था कि शराब की खेप रुन्नीसैदपुर ले जानी थी। दिल्ली के सुरेंद्र के माध्यम से वह शराब मंगाता था। सौ रुपये प्रति पेटी मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले अवनि भूषण को देता है। दारोगा के मोबाइल से भी कई माफियाओं के मोबाइल नंबर हाथ लगे थे। उधर, शराब के मामले में सीतामढ़ी जिला का नाम सुर्खियों में रहा है तो सीतामढ़ी में पुलिस अधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई भी हुई है। रून्नीसैदपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष मनोज कुमार और बैरगनिया के तत्कालीन थानाध्यक्ष के प्रोन्नति पर दस साल के लिए रोक लगा दी गई थी। आधा दर्जन दारोगा, आधा दर्जन जमादार, एक दर्जन जवान के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
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सवालों के घेरे में नगर थानाध्यक्ष
सीतामढ़ी : कई वर्षों से कानून की आंख में धुल झोंक कर पुलिस महकमे में नौकरी कर रहे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार मिश्रा सरकार की आंख में भी धुल झोकते रहे हैं। यही वजह है कि नगर थाने में निगरानी की टीम ने छापेमारी की। जहां शराब की हेराफेरी का मामला सामने आया। हालांकि, इंस्पेक्टर के खिलाफ निलंबन की ही कार्रवाई हुई है। वैसे निलंबन के साथ ही थानाध्यक्ष फरार हो गए। बताया जा रहा है कि निगरानी टीम के डर से वह गायब हो गए। हैरत की बात यह कि वह सर्विस रिवॉल्वर और सरकारी मोबाइल लेकर फरार हो गए हैं। बताते चलें कि पूर्वी चम्पारण जिले के सिकरहना अनुमंडल कोर्ट ने इंस्पेक्टर के खिलाफ फरारी का नोटिस जारी किया है। उप मुखिया के साथ मारपीट के मामले में वे अब तक फरार चल रहे हैं। इस मामले में उनके खिलाफ सिकरहना कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
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