Move to Jagran APP

स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जारी मेरिट लिस्ट में गड़बड़झाला

स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जारी मेरिट लिस्ट में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 12:39 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 12:39 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न  पदों पर नियुक्ति के लिए जारी मेरिट लिस्ट में गड़बड़झाला
स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जारी मेरिट लिस्ट में गड़बड़झाला

सीतामढ़ी। स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जारी मेरिट लिस्ट में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है। हालत यह है कि कंप्यूटर की परीक्षा में फेल आवेदक भी मेरिट लिस्ट में जगह पाने में कामयाब हो गए हैं। चहेतों को नौकरी देने के लिए न केवल शैक्षणिक योग्यता को ताक पर रख दिया गया है, बल्कि आवेदक की कैटेगरी बदल कर उसे पास कर दिया है। इतना ही नहीं डीएम के कड़े निर्देश के बावजूद मेरिट लिस्ट में अनियमितता बरती गई है, वहीं रिश्वत का भी खेल शुरू हो गया है। मेरिट लिस्ट को लेकर सवाल उठाने पर डीएचएस में डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर तैनात व बीसीएम पद के अभ्यर्थी साहेब ¨सह को सीएस ने स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा। इसके आलोक में ¨सह ने सीएस को ¨बदूवार तथ्यों की जानकारी दी है। साहेब ¨सह द्वारा स्पष्टीकरण के आलोक में दिए गए जवाब ने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था और नियोजन के लिए जारी मेरिट लिस्ट की अनियमितता की पोल खोल कर रख दी है।

loksabha election banner

-------------------

यह है मामला

सीतामढ़ी : स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न पदों पर नियोजन के लिए विज्ञापन निकला था। इसमें बड़ी संख्या में आवेदकों ने आवेदन दिया था। 11 नवंबर को ऑनलाईन परीक्षा ली गई थी। इसमें कंप्यूटर और अंकक की परीक्षा ली गई थी। फिर साक्षात्कार हुआ था। विभाग द्वारा बीसीएम के 10 पदों के विरूद्ध पहले 31 लोगों के नाम की लिस्ट निकाली गई, फिर 38 लोगों के नाम की मेरिट लिस्ट। इसमें नियमों को ताक पर रख कर अभ्यर्थियों का नाम शामिल किया गया। हैरत की बात यह कि मेरिट लिस्ट में शामिल अधिकांश अभ्यर्थी कंप्यूटर की परीक्षा में फेल रहे। मेरिट लिस्ट में अनियमितता को लेकर कई आवेदकों ने सवाल उठाए।

------------------------

डाटा इंट्री ऑपरेटर के स्पष्टीकरण के जवाब से खुली पोल

सीतामढ़ी : बीसीएम पद के लिए जारी मेरिट लिस्ट में अनियमितता को लेकर डीएचएस में डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर तैनात सह बीसीएम पद के आवेदक साहेब ¨सह ने डीएचएस के व्हाट्सएप ग्रुप पर आक्रोश जताया था। उसकी टिप्पणी को लेकर सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने पत्रांक 1069 के तहत 15 नवंबर को साहेब ¨सह को स्पष्टीकरण जारी कर जहां 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा, वहीं जवाब नहीं देने की स्थिति में पदच्यूत करने की चेतावनी दी। इसके आलोक में ¨सह ने सीएस को शुक्रवार को जवाब भेजा है। इसमें स्पष्ट किया है कि बीसीएम पद के लिए उसने भी 11 नवंबर को परीक्षा दी थी। टंकक और आनलाइन परीक्षा में मिला कर 16.1 अंक मिले थे। जबकि मेरिट लिस्ट में क्रम संख्या 19 की अभ्यर्थी मनीषा शरण को दोनों परीक्षा मिला कर 6.65 अंक मिले थे। साक्षात्कार में साहेब ¨सह को 8 अंक और मनीषा शरण को 12 अंक दिया गया। साहेब ¨सह ने कहा है कि उनके साथ पक्षपात करते हुए जान बुझ कर कम अंक दिया गया है। बताया है कि मनीषा शरण जिला स्वास्थ्य समिति में प्रतिनियुक्त कर्मी रंजन शरण की पत्नी हैं। पूरे परीक्षा के दौरान रंजन शरण मौजूद रहे। उनपर पत्नी को पास कराने का आरोप लगाया है। कहा है कि प्रिया कुमारी नामक आवेदिका द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र की पुष्टि नहीं की गई है, जबकि उन्हे शार्टलिस्टेड कर दिया गया है। बीसीएम पद के लिए योग्यता सोशल साइंस या पोस्ट ग्रेजुएट इन सोशल वर्क मांगा गया था। जबकि क्रम संख्या 20 में लवली कुमारी की योग्यता एमए होम साइंस है। क्रम संख्या 9 में संतोष कुमार ¨सह जिनका नाम पूर्व की लिस्ट में बीसी कैटेगरी में था, दूसरी लिस्ट में इबीसी कैटेगरी में रख कर पास कर दिया गया है। क्रम संख्या एक में पंकज कुमार का नाम जिला स्वास्थ्य समिति के फॉर्म में नहीं लिया गया है, फिर भी उन्हें सेलेक्ट कर लिया गया है। कहा है कि प्रोविजनल लिस्ट में अधिकांश लोग कंप्यूटर में फेल कर गए, जिन्हें कंप्यूटर की जानकारी तक नहीं है। बावजूद इसके उनका नाम मेरिट लिस्ट में है। डाटा इंट्री ऑपरेटर ने अपनी सफाई में स्पष्ट तथ्य भी पेश किए हैं।

-----------------------------------------------

नियम के विपरित बहाली की प्रक्रिया

सीतामढ़ी : स्वास्थ्य विभाग में बीसीएम समेत विभिन्न पदों के लिए हुई बहाली की प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। डीएम के आदेश-निर्देश और सख्ती के बावजूद पूर्व की तरह माफिया तत्व कामयाब हो गए। हालांकि, जिला स्वास्थ्य समिति के एक कर्मी सह बीसीएम पद के आवेदक साहेब ¨सह ने ही मेरिट लिस्ट पर सवाल खड़ा करते हुए स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था की पोल खोल दी है। ¨सह की माने तो नियोजन समिति के सदस्यों ने डीएम को भी गुमराह कर दिया है। वैसे ¨सह के आरोपों को दरकिनार भी कर दें तो मेरिट लिस्ट में कई गड़बड़ियां हैं। वहीं चयन समिति के गठन में भी गड़बड़ी बरती गई है। चयन समिति में डीपीएम की जगह डाटा इंट्री आपरेटर को सदस्य बनाया गया है। जबकि नियम के अनुसार वरीय अधिकारियों को चयन समिति का सदस्य बनाया जाना था। बताते चलें कि जिले में कई वर्षों से डीपीएम का पद खाली है। पूर्व में आशा के डीपीएम के समरेंद्र नारायण वर्मा को डीएचएस का प्रभारी डीपीएम बनाया गया था। बाद में उनकी जगह मुजफ्फरपुर के डीपीएम को प्रभार मिला। मुजफ्फरपुर के तत्कालीन डीपीएम यदाकदा सीतामढ़ी आते रहे। उन्होंने अपना काम डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रभात कुमार के हवाले कर दिया। बाद में शिवहर के डीपीएम पंकज कुमार को सीतामढ़ी का प्रभारी डीपीएम बनाया गया है। लेकिन, वे अक्सर शिवहर में रहते हैं। उनकी अनुपस्थिति में डाटा आपरेटर प्रभात कुमार ही डीपीएम का कार्य कर रहे हैं।

-----------------------

बयान

सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि अभी केवल मेरिट लिस्ट निकली है। नियुक्ति नहीं हुई है। गड़बड़ी की स्थिति में मामले की जांच होगी और दोषी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी का दावा गलत होने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सीतामढ़ी में स्थायी डीपीएम नहीं हैं। शिवहर के डीपीएम तीन दिन सीतामढ़ी व तीन दिन शिवहर के प्रभार में रहते हैं। उनकी अनुपस्थिति में डाटा इंट्री आपरेटर से कार्य लिया जाता है।

----------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.