आंधी-पानी से बिजली आपूर्ति ठप, फसलों पर बरपा कहर
पुपरी अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाके में मंगलवार की रात आई आंधी-तूफान और बारिश का सबसे ज्यादा कहर बिजली आपूर्ति के साथ फसलों पर बरपा।
सीतामढ़ी। पुपरी अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाके में मंगलवार की रात आई आंधी-तूफान और बारिश का सबसे ज्यादा कहर बिजली आपूर्ति के साथ फसलों पर बरपा। खासकर पुपरी पावर सब स्टेशन से जुड़े इलाके की बिजली गुल हो गई। करीब 18 घंटों तक बिजली गुल होने से हाहाकार मचा रहा। दशकों पुरानी समस्या से नहीं मिल रहा निजात :
चार दशक पुरानी पुपरी पावर सब स्टेशन से पुपरी, भदियन, चोरौत और बाजपट्टी फीडरों के माध्यम से इलाके मे बिजली की आपूर्ति की जाती है। इस पावर सब स्टेशन को डुमरा ग्रिड से 33 केवीए की आपूर्ति होती है। करीब 25 किमी. लाइन की स्थिति काफी दयनीय है। दशकों पुराने तार, पोल और इंसुलेटर काफी जर्जर हालत में है। लिहाजा आंधी-पानी तो दूर, कोई पक्षी के बैठने पर ही तार टूट जाता है। इस अवधि में कई, सांसद और विधायक हुए। लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से लिया और ना ही विभाग की तंद्रा टूट रही है। बार-बार ब्रेक डाउन होने के कारण उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है।
बारिश ने फसल बर्बाद कर तोड़ दी कमर : आंधी-पानी के कारण किसानों की मानो कमर टूट गई है। हजारों एकड़ में लगा गेहूं के फसल बर्बाद हो गए है। इसके अलावे आम और लीची की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। काफी मेहनत और पैसे खर्च कर गेहूं की खेती करने वाले किसान फसल की बर्बादी से हताश दिख रहे है। आंधी के साथ ओलावृष्टि से कई फुस और एस्बेस्टस निर्मित घरों को काफी क्षति पहुंची है। आंधी से हुआ ब्रेक डाउन 22 घंटे से बिजली गुल
परिहार । मंगलवार की शाम आई तेज आंधी के कारण ब्रेकडाउन हो जाने से प्रखंड में करीब 22 घंटे से बिजली गुल है। इस संबंध में पूछे जाने पर जेई विभाष कुमार यादव ने बताया कि मुख्यालय में बिजली चालू कर दी गई है। तेज आंधी के कारण कई जगहों पर तार पर पेड़ गिरा हुआ है। इसे ठीक करने के लिए लाइनमैन को लगाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शीघ्र बिजली सुचारू कर दी जाएगी। मालूम हो कि हल्के आंधी तूफान एवं बारिश में भी बिजली बाधित हो जाती है। जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोग यहां तक कहने लगे हैं कि परिहार में विभाग ने कागज के तार एवं गत्ते का पोल लगा रखा है। यहां बता दें कि अधिकांश जगहों पर बरसों पुराना जर्जर तार लगा हुआ है। कुछ जगहों पर तार काफी नीचे लटका हुआ है। कई पोल भी झुके हुए हैं। जिससे हमेशा खतरे की आशंका भी बनी रहती है। विभाग द्वारा इनकी सुध नहीं लेने के कारण लोगों में आक्रोश है।