चढ़ने लगा पारा सूखने लगे हलक
पुपरी में धीरे-धीरे गर्मी अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। चढ़ता पारा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
सीतामढ़ी। पुपरी में धीरे-धीरे गर्मी अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। चढ़ता पारा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दिन चढ़ते ही गर्मी का प्रकोप शुरु हो जाता है। सड़के वीरान हो जा रही है। मौसम में अभी कुछ बदलाव भी नहीं होने वाला है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में पारा 40 डिग्री से ऊपर होने वाला है। एक तरफ जहां गर्मी अपना रंग दिखा रही है तो वही दूसरी तरफ बिजली पुराने ढर्रे पर आ गई है। आवंटन में कटौती किए जाने के कारण उमस भरी गर्मी में हाथ का पंखा सहारा बना हुआ है। गर्मी के मद्देनजर सरकारी स्तर पर पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। किसी तरह लोग पेय पदार्थ व चापाकल पर प्यास बुझा रहे हैं। इस मौसम में लोग बीमार भी होने लगे हैं। गर्मी में सही तरीके से नहीं मिल रही बिजली : गर्मी के दस्तक देते ही बिजली की आंख मिचौली शुरु हो गई है। कभी ब्रेक डाउन, शट डाउन तो कभी आवंटन में भारी कटौती किए जाने से बिजली शहर समेत ग्रामीण इलाके में सही तरीके से नहीं मिल पा रही है। इसके कारण कई घरों में पानी की भी समस्या खड़ी हो गई है। बिजली के आंख मिचौली से हर कोई परेशान हैं। सरकार भले ही बिजली देने की बात कह रही है, लेकिन यह बात बेमानी लगती है। इस समस्या से छात्र भी जूझ रहे हैं। गर्मी आते ही लोड शे¨डग का सिलसिला शुरू हो जाता है। जरूरत है 13-14 मेगावाट , लेकिन ग्रिड से पीक आवर में कटौती कर 10 मेगावाट आपूर्ति कर दिए जाने से पावर सब स्टेशन पुपरी से बाजपट्टी, चोरौत, भदियन व शहरी फीडर को रोटेशन पर बिजली मिलने लगती है। पेयजल की समस्या, शीतल पेय की बिक्री बढ़ी : तापमान का ग्राफ बढ़ने के साथ ही शहर के चौक-चौराहों पर शीतल पेय की दुकानें सजने लगी है। लेकिन सरकारी स्तर पर पेयजल की विशेष व्यवस्था नही की गई। शहर में जलापूर्ति योजना ठप है तो इक्का-दुक्का स्थानों पर गाड़े गए चापाकल कम और परेशानी का कारण बन गया है। इधर, गर्मी बढ़ते ही शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर सत्तु, बेल, आईसक्रीम, कोल¨ड्रक्स, लस्सी जैसे शीतल पेय पदार्थ की दुकानें सजने लगी है। जहां स्कूली बच्चों की भीड़ लगी रहती है। स्कूल से निकलते ही बच्चे रास्ते मे शीतल पेय की दुकान पर रुक कर प्यास बुझाने में जुट जाते है। धूप से बचने के लिए छाते की बिक्री भी बढ़ गई है। गर्मी से परेशानी बढ़ी, अस्पताल में मरीजो की भीड़ : उमस भरी गर्मी का सीधा असर लोगों के शरीर पर पड़ रहा है। गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। अस्पताल में चाहे दवा वितरण काउंटर हो या फिर डाक्टर का कक्ष, सभी जगह भीड़ बढ़ने से मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही है। डॉक्टर भी परेशान दिख रहे हैं। मौसम में बदलाव के साथ ही उल्टी-दस्त व पेट दर्द की बीमारी ने दस्तक दे दी है। सोमवार को पीएचसी में ऐसे दर्जनों मरीज पहुंचे थे। जिन्हें, उल्टी-दस्त व पेट दर्द, सर्दी व वायरल फीवर की शिकायत थी। इसका असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। गर्मी में बच्चों के बीमार होते ही अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
तीन दिनों तक आसमान में हल्के बादल रहने की संभावना : ग्रामीण कृषि मौसम सेवा पूसा, समस्तीपुर एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बलहा को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि 23 मई तक उतर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के व मध्यम बादल आ सकते है। इस अवधि में हल्की बारिश के साथ तेज हवा की संभावना व्यक्त की गई है। कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना हैं। इस अवधि में अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री एवं न्यूनतम 24-26 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है। इस अवधि में औसतन 10 से 15 किमी की रफ्तार से पुरवा हवा चलेगी। सापेक्ष आद्रता सुबह में 75-80 एवं दोपहर बाद 35-40 फीसद रहने की संभावना जारी की है। कहते है चिकित्सक : पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं। साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्मी से बचाव के लिए बच्चे का ख्याल रखना चाहिए। वहीं बड़ों को भी गर्मी से बचाव के इंतजाम रखने चाहिए। जैसे ही उल्टी, सिरदर्द आदि के लक्षण दिखे, तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।