प्रवासियों को लेकर पहुंचीं पांच ट्रेनें, अहमदाबाद, सूरत व लुधियाना से 4845 लौटे
प्रवासियों के लौटने में आई तेजी के साथ सुरक्षा चक्र भी लगातार टूटता हुआ दिख रहा है।
सीतामढ़ी। प्रवासियों के लौटने में आई तेजी के साथ सुरक्षा चक्र भी लगातार टूटता हुआ दिख रहा है। एक दिन में पांच-छह ट्रेनें आ रही हैं बावजूद भीड़ रेलमपेल है। स्टेशन पर प्रवासियों के उतरने से लेकर बसों में सवार होने तक शारीरक दूरी का घोर उल्लंघन हो रहा है। क्वारंटाइन सेंटरों में उनके पहुंचने के बाद कोरोना पॉजिटिव के केस तेजी से सामने आने लगे हैँ। तीन-चार दिनों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। अभी तक 43 केस सामने आए हैं जिनमें अधिकतर केस क्वारंटाइन सेंटरों से ही सामने आए हैं। स्टेशन पर प्रवासियों के लौटने पर अधिकतर को मास्क भी नहीं मिल पा रहे हैं। भीड़ के कारण खाने-पीने में भी कटौती हो गई है। सोमवार को सूरत से एक ट्रेन 1280, बंद्रा से वाया सीतामढ़ी होकर दरभंगा जाने वाली ट्रेन से 158, दिल्ली से सीतामढ़ी पहुंची ट्रेन से 1740, सूरत से वाया सीतामढ़ी होकर दरभंगा जाने वाली ट्रेन से 138, लुधियाना से सीतामढ़ी 1529 प्रवासी यानी कुल 4845 लौटे। ट्रेनों के इंतजार में दिनभर डटे रहे अधिकारी
जैसे ही ट्रेन एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची राजकीय रेल पुलिस के थानाध्यक्ष राजकुमार राम व रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार, उप निरीक्षक पीके झा सुरक्षा बलों के साथ ट्रेन को अपनी अभिरक्षा में ले लिया। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर आइएएस कुमार गौरव, एसडीपीओ डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र, एसडीएम रोचना माद्री तथा स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद, उप स्टेशन अधीक्षक सुरेंद्र कुमार सिंह व पूछताछकर्मी मनोरंजन सिंह भी मौजूद थे। वही राजकीय रेल पुलिस की महिला टीम लीडर एएसआइ मंजू कुमारी, हवलदार पवन देवी, आरक्षी पूनम कुमारी, रेखा रानी, अस्मिता कुमारी, प्रतिमा कुमारी व मिता कुमारी के साथ स्टेशन पर कोरोना योद्धा की तरह डटी रहीं।
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