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परिहार में पांच नर्सिंग होम अवैध होने के आरोप में सील, मचा हड़कंप

सीतामढ़ी।प्रखंड में अवैध नर्सिंग होम संचालन की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई हुई है। अर्से बाद ही सही आखिरकार वैसे अस्पतालों पर प्रशासन का डंडा चला।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 11:50 PM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 11:50 PM (IST)
परिहार में पांच नर्सिंग होम अवैध होने के आरोप में सील, मचा हड़कंप
परिहार में पांच नर्सिंग होम अवैध होने के आरोप में सील, मचा हड़कंप

सीतामढ़ी।प्रखंड में अवैध नर्सिंग होम संचालन की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई हुई है। अर्से बाद ही सही आखिरकार वैसे अस्पतालों पर प्रशासन का डंडा चला। सोमवार को मुख्यालय स्थित पांच नर्सिंग होम को सील कर दिया गया। अन्य चार को भी सोमवार को ही सील किया जाना था मगर, छापेमारी दल के पास समय का अभाव होने के कारण अब मंगलवार को उन्हें सील किया जाएगा। जिन नर्सिंग होम को सोमवार को सील किया गया उनमें राज सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पीटल परिहार, जीवनदीप कल्याण क्लीनिक परिहार, जीवनदीप नर्सिंग होम परिहार, जनता हॉस्पीटल परिहार एवं जेवीपीडी हॉस्पीटल परिहार के नाम शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा नर्सिंग होम के संचालन की शिकायत मिल रही थी। इसपर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी की टीम ने आठ मार्च, 2021 को प्रखंड के कई नर्सिंग होम की जांच की थी। जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया था कि झोलाछाप डॉक्टरों पर अस्पताल का संचालन व इलाज किया जाता है। पूछताछ में यह भी सामने आया था कि गलत तरीके से निजी स्वार्थ के कारण मापदंड को पूरा नहीं करने वाले अस्पतालों का भी निबंधन किया गया था। अधिकारी ने अपने जांच प्रतिवेदन में इसे जांच का विषय बताया था। अनुशंसा की गई थी कि भविष्य में अस्पतालों का निबंधन नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि तीन दिन पहले दैनिक जागरण में अवैध नर्सिंग होम के बारे में खबर छपी थी। मोहर्रम व रक्षाबंधन की छुट्टी के बाद ये कार्रवाई हो गई।

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15 मार्च को इन नर्सिंग होम को तत्काल सील करने का दिया गया था आदेश

इसके बाद तत्कालीन सिविल सर्जन ने 15 मार्च, 2021 को इन नर्सिंग होम को तत्काल सील करने का आदेश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया था। सिविल सर्जन ने तीन दिन के अंदर कृत कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया था। लेकिन, स्थानीय स्तर पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। करीब पांच महीने बीत जाने के बाद आखिरकार सीएस के निर्देश का अनुपालन शुरू किया गया है। इस कार्रवाई में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. आरपी शाही, थानाध्यक्ष अशोक कुमार, सीओ प्रभात कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार, पीएचसी के प्रधान लिपिक, चिकित्सक, पदाधिकारी व पुलिस बल मौजूद थे।


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