मोहर्रम अरबी का पहला महीना, रोजा रखें और पढ़ें कुरान
मोहर्रम अरबी साल का पहला महीना है इस माह से नई शुरुआत की जाती है। इस महीना को कुर्बानी का महीना भी कहा जाता है ये बातें सोनबरसा प्रखंड के बिशनपुर गोनाही के मौलाना मो. कमर आलम अमजदी ने कहीं।
सीतामढ़ी । मोहर्रम अरबी साल का पहला महीना है, इस माह से नई शुरुआत की जाती है। इस महीना को कुर्बानी का महीना भी कहा जाता है, ये बातें सोनबरसा प्रखंड के बिशनपुर गोनाही के मौलाना मो. कमर आलम अमजदी ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस महीने में रोजा रखना चाहिए और कुरान का अधिक से अधिक तिलावत करना चाहिए। इसका सवाब हजरत हुसैन रजि और शहीदे कर्बला को इसाल कर राह ए रास्त का दरस देना चाहिए। क्योंकि नवासा ए रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व इबन ए बतूल ने अपने पूरे कुनबे के साथ हक और सत्य के लिए जंग की। अपने चाहने वाले के साथ शहीद हो गए। सजदा करते समय शहीद हो कर पूरी दुनिया मे मजहब ए इस्लाम को पहुंचाते हुए नमाज की पाबंदी और हक की बका के लिए न झुकने का इबरत खेज पाठ दे दिया। हमारे समाज के नाम नमूद के मुस्लिम तबका के नौजवान व बुजुर्गों ने यजीद के तर्ज को अपना पेशा बना लिया है। जिनके बुरे कर्तव्यों के सबब हमारी नस्लें अपने वकार को बर्बाद करती नजर आ रही है। अल्लाह पाक हम सभी को गैर शरई कार्य से महफूज रखे और कौम ए मुस्लिम को राहयाब करे।