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निलंबित थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मियों पर फरार होने की प्राथमिकी

लूट और हत्या मामले में पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना के रमडीहा गांव से गिरफ्तार दो युवकों की पुलिस हिरासत में हुई मौत मामले में निलंबित डुमरा थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह समेत आठ पुलिसकर्मियों के रून्नीसैदपुर थाना पुलिस की हिरासत से फरार होने के मामले में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 01:09 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 01:09 AM (IST)
निलंबित थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मियों पर फरार होने की प्राथमिकी

सीतामढ़ी। लूट और हत्या मामले में पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना के रमडीहा गांव से गिरफ्तार दो युवकों की पुलिस हिरासत में हुई मौत मामले में निलंबित डुमरा थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह समेत आठ पुलिसकर्मियों के रून्नीसैदपुर थाना पुलिस की हिरासत से फरार होने के मामले में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है। दर्ज प्राथमिकी में निलंबित थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों को नामजद किया गया है। जबकि मामले में रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष भूदेव दास को आइजी ने निलंबित कर दिया है। उनकी जगह तत्काल राम प्रवेश उरांव को रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष का प्रभार दिया गया है। इसके पूर्व निलंबित थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों के खिलाफ गुरुवार को डुमरा थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इधर, दो-दो प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस की टीम निलंबित और फरार थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। हालांकि चंद्रभूषण समेत सभी निलंबित पुलिस कर्मी फरार चल रहे है। फरार आरोपितों को जमीन खा गई या फिर आसमान निगल गया? अब तक इस पर सस्पेंस बरकरार है। उधर, एसपी अमरकेश डी अपने स्तर से मामले की जांच कर रहे है। जबकि डीआइजी ने अपनी जांच रिपोर्ट आइजी को सौंप दी है। इधर, घटना के बाद लगातार सवाल उठ रहे है। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता लगातार दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है। धरना-प्रदर्शन और कैंडल मार्च भी निकल रहा है। इसी बीच जिले के एक वरीय अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर माना है कि पुलिसिया पिटाई में ही हत्या और लूट के आरोपित गुफरान और तस्लीम की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह सामने आया है। बताया है कि आरोपित पुलिस कर्मियों की तलाश में छापेमारी जारी है। शीघ्र ही उन्हें दबोचा जाएगा। बताया कि मामले में दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।

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6 मार्च को हुई थी गुफरान और तस्लीम की मौत

सीतामढ़ी : 20 फरवरी को सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे के प्रेमनगर के पास लुटेरों ने लूट के दौरान मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र अंतर्गत जीवाजोर गांव निवासी सत्यनारायण साह के पुत्र राकेश कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी थी, वहीं उसकी बाइक लूट कर फरार हो गए थे। मामले में जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया था। इसी मामले में 5 मार्च की रात डुमरा थाने की पुलिस और क्यूआरटी ने पूर्वी चम्पारण जिले के चकिया थाना पुलिस के सहयोग से रमडीहा गांव में छापेमारी कर गुफरान और तस्लीम को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तस्लीम के पास से पिस्टल भी बरामद किया था। तस्लीम पूर्व में हत्या और लूट के मामले में जेल जा चुका था। वह सजायाफ्ता था। कुछ समय पूर्व ही वह मोतिहारी जेल से निकला था। हालांकि गुफरान का कोई क्राइम इतिहास नहीं है। बताया गया है कि क्यूआरटी की टीम ने पूछताछ के लिए उसे डुमरा थाने के हाजत में रखा था। इस दौरान दोनों की पिटाई की गई। अधमरे अवस्था में दोनों को 6 मार्च की शाम 4.25 बजे सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने शाम 5 बजकर 5 मिनट पर गुफरान और 5.20 बजे तस्लीम को मृत करार दिया था। सूचना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने आक्रोश जताया था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने पोस्टमार्टम के पूर्व शव देखने से रोका था। लिहाजा परिजनों ने पोस्टमार्टम बाद शव लेने से इन्कार किया था, वहीं धरने पर बैठ गए थे। घटना की जानकारी मिलते ही 6 मार्च की रात आइजी नैयर हसनैन ने थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार, सोनी कुमारी, परशुराम गुप्ता, अरूण कुमार, क्यूआरटी के रवि कुमार, अमित कुमार, पंकज कुमार और मुन्ना कुमार को निलंबित कर दिया था। वहीं डीआइजी रवींद्र कुमार को सीतामढ़ी भेजा था। रात डेढ़ बजे सदर अस्पताल पहुंचे डीआइजी के आश्वासन पर परिजन माने थे और दो बजे रात में शव लेकर परिजन चकिया रवाना हुए। इसके पूर्व डीआईजी के निर्देश पर नगर थाना पुलिस ने मृतक गुफरान के पिता मुनव्वर अली का बयान दर्ज किया था। इसके आलोक में डुमरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों पीट-पीट कर हत्या का आरोप लगाया गया था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपित पुलिस कर्मियों को रून्नीसैदपुर थाने की हिरासत में रखा गया था, जहां से सभी भाग निकले थे। मामले में आइजी ने रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया था। वहीं निलंबित थानाध्यक्ष के पुलिस हिरासत से भागने के मामले में अब रून्नीसैदपुर थाने में दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई है।


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