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दुलारपुर श्मशान घाट से होगी लखनदेई नदी की उड़ाही

भुतही में भारत नेपाल सीमा पर खाप खोपराहा के दुलारपुर स्थित पुरानी लखनदेई नदी की विलुप्त हो चुकी धारा की उड़ाही कराई जाएगी। सोमवार को इसका विधिवत शुभारंभ होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 02:06 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 02:06 AM (IST)
दुलारपुर श्मशान घाट से होगी लखनदेई नदी की उड़ाही
दुलारपुर श्मशान घाट से होगी लखनदेई नदी की उड़ाही

सीतामढ़ी। भुतही में भारत नेपाल सीमा पर खाप खोपराहा के दुलारपुर स्थित पुरानी लखनदेई नदी की विलुप्त हो चुकी धारा की उड़ाही कराई जाएगी। सोमवार को इसका विधिवत शुभारंभ होगा। मौके पर डीएम राजीव रौशन के भी पहुंचने की संभावना है। यहां दुलारपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर बथनाहा के टेढिया मधुबनी तक नदी की उड़ाही होगी। दुलारपुर श्मशान घाट से उड़ाही का कार्य प्रारम्भ होगा।

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वर्षो पूर्व यहां बाढ़ के बाद नदी की पुरानी धारा विलुप्त हो गई थी।वही नई धारा जो छोटी भारसर से निकली वहां से बाढ़ के पानी ने फसलों को बर्बाद करना प्रारम्भ कर दिया। दर्जनों गांवों में फसल बर्बाद हुई जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। दुलारपुर से छोटी भारसर तक करीब तीन किलोमीटर में निजी जमीन के अधिग्रहण करना है,जिसके लिए जमीन की कागजात भूअर्जन विभाग को भेजा गया है। खाप खोपराहा के पूर्व मुखिया जागेश्वर महतो,सन्त श्री श्री 108 श्री घनश्याम गिरी जी महाराज व अन्य लोग बताते हैं कि दुलारपुर श्मशान घाट स्थित पुरानी नदी की धार पर से उड़ाही के कार्य प्रारम्भ होने से लोगों में अपार खुशी है। जहां एक तरफ लोगों के खेत बर्बाद हो गए वहीं धार्मिक ²ष्टिकोण से भी इसका महत्व है। नदी के जीवन्त होने ने लोगों को इसके पवित्र धारा से जल बोझ कर पूजा पाठ में भी फायदे होंगे।।

वर्षो से आंदोलनरत रहे हैं लोग : इस लखनदेई की उड़ाही के लिए वर्षो से लोग आंदोलनरत रहे हैं।सीतामढ़ी में आंदोलनकारियों ने लगातार धरना प्रदर्शन किए। तो जिलाधिकारी राजीव रौशन भी नदी की उड़ाही के लिए प्रयासरत रहे। प्रखंड से सामाजिक कार्यकर्ता मो कमर अख्तर,पूर्व मुखिया जागेश्वर महतो भाजपा नेता मनोज बैठा , उप प्रमुख जय किशोर साह ललित, रघुनाथ महतो, मुखिया मनोज कुमार, सदरे आलम सहित कई लोग ऐसे थे जो लगातार नदी की उड़ाही के लिए प्रयासरत रहे। जिला मुख्यालय के रामशरण अग्रवाल, डॉ. आनंद किशोर, शशि शेखर आदि की सक्रियता रही।

अब जबकि नदी की पुरानी धारा को जीवंत करने के लिए पुरानी धारा के मांपी का कार्य प्रारम्भ है और सोमवार को विधिवत उड़ाही का कार्य प्रारम्भ हो रहा है,ऐसे में लोगो के चेहरे सहित उन तमाम आंदोलनकारियों के चेहरे पर खुशी आनी स्वाभाविक है जिन्होंने इसके लिए संघर्ष किए हैं।


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