तंबाकू के खिलाफ जिला प्रशासन चलाएगा सघन अभियान
जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को तम्बाकू नियंत्रण के टिप्स देने के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्थान सीड्स और जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को डीएम डॉ. रणजीत कुमार ¨सह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में जिलास्तरीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सीतामढ़ी । जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को तम्बाकू नियंत्रण के टिप्स देने के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्थान सीड्स और जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को डीएम डॉ. रणजीत कुमार ¨सह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में जिलास्तरीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उदघाटन करते हुए डीएम ने तम्बाकू के दुष्परिणामों से बच्चों और अवयस्कों को बचाने की अपील की। उन्होंने निर्देश दिया कि स्कूलों में इस कार्यक्रम का संचालन किया जाए। साथ ही सभी शिक्षण संस्थानों के पास से तम्बाकू उत्पाद की दुकानों को यथाशीघ्र हटाया जाए। इस आदेश के उलंघनकर्ताओं को कोप्टा जेजे एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दंडित किया जाएगा। डीएम ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में कोटपा 2003 के विभिन्न धराओं का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित कराने का निर्देश दिया। सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी सुनील चौधरी ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से तम्बाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं कोटपा 2003 की विभिन्न धाराओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चे व युवा तम्बाकू उद्योग का सबसे सॉफ्ट टारगेट होते है। जिन्हें लुभाने के लिए तम्बाकू कंपनी तरह-तरह के हथकंडे अपनाती है। उन्होंने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सभी विभागों को अपनी भूमिका निभाने का सुझाव दिया। कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज झा ने जिला को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने के सम्बंध जानकारी दी। वहीं जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। विदित हो कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित सर्वे में बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों में काफी कमी आई है। यह आंकड़ा 53.5 फीसद से घट कर 26.9 फीसद हो गई है। मौके पर सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव, सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा, एडवर्ड कैनेडी, सभी पीएचसी प्रभारी और डीपीआरओ परिमल कुमार आदि मौजूद थे। तम्बाकू मुक्त जिला बनाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
जासं, सीतामढ़ी : सीतामढ़ी को तंबाकू फ्री जिला बनाने के लिए डीएम डॉ. रणजीत कुमार ¨सह ने कमर कस ली है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी-सिगरेट पीने या अन्य तम्बाकू उत्पाद के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों पर दण्डात्मक कार्रवाई होगी। 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कंपनी, एजेंसी दुकानदार और व्यक्ति तम्बाकू उत्पाद के निर्माता, थोक एवं खुदरा विक्रेता बगैर तम्बाकू के नुकसान से संबंधित बोर्ड के तम्बाकू उत्पाद नहीं बेच सकेंगे। शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में नहीं बिकेगा तम्बाकू उत्पाद। बच्चों व अवयस्कों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर 1 लाख तक का जुर्माना लगेगा। साथ ही 7 साल तक की सजा भी हो सकती है। तंबाकू उत्पाद, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, जर्दा और खैनी के प्रचार से संबंधित बैनर, पोस्टर और होर्डिंग लगाने पर भी होगी कार्रवाई। इसके तहत दो वर्ष जेल या एक हजार जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती है। डीएम सह जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. रणजीत कुमार ¨सह ने अधिकारियों को आदेश के अनुपालन का निर्देश दिया है। वहीं डीइओ समेत सभी संबंधित अधिकरियों से आदेश के आलोक में की गई कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन हर माह के पहले सप्ताह में उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। डीएम ने बताया कि तम्बाकू के दुष्परिणामों से बच्चों और अवयस्कों को बचाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने डीइओ को स्कूलों में इस कार्यक्रम का संचालन करने व सभी शिक्षण संस्थानों के पास से तम्बाकू उत्पाद की दुकानों को यथाशीघ्र हटाने का आदेश दिया। आदेश के उलंघन करने पर कोप्टा जेजे एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दंडित करने का आदेश दिया। डीएम ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को अपने अपने कार्यक्षेत्रों में कोटपा 2003 के विभिन्न धराओं का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। डीएम ने दुकानदारों और एजेंसियों से कहा है कि तंबाकू उत्पाद, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, जर्दा, खैनी का बैनर, पोस्टर, होर्डिंग व दीवार लेखन के माध्यम से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष प्रचार प्रसार को तत्काल प्रभाव से हटा लें। अन्यथा कार्रवाई होगी। डीएम ने आदेश के अनुपालन के लिए सभी बीडीओ, एसडीओ, एसडीपीओ, नोडल अधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीटीओ, डीपीआरओ, डीइओ, डीपीओ आइसीडीएस, डीपीओ एनआइसी, सीएस, डीपीएम व डीआइओ को निर्देश दिया है।