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नानीबाई का मायरा में अंतिम दिन उमड़े श्रद्धालु

शहर के कमला राइस मिल स्थित आयोजित नानीबाई का मायरा में सांवरा श्याम सेठ द्वारा मायरा भरने की रस्म के साथ श्रद्धालुओं में भक्ति की शक्ति की लहर दौड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 12:40 AM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 12:40 AM (IST)
नानीबाई का मायरा में अंतिम दिन उमड़े श्रद्धालु

सीतामढ़ी। शहर के कमला राइस मिल स्थित आयोजित नानीबाई का मायरा में सांवरा श्याम सेठ द्वारा मायरा भरने की रस्म के साथ श्रद्धालुओं में भक्ति की शक्ति की लहर दौड़ गई। नानीबाई रो मायरा के अंतिम दिन भी हजारों की संख्या में श्रोता कार्यक्रम के अंतिम क्षण तक जमे रहे। श्याम मंदिर के तत्वावधान में रजत द्वार के निर्माण के लिए आयोजित नानीबाई के मायरा के तीसरे दिन राधास्वरुपा जया किशोरीजी का व्यास पीठ पर आगमन श्याम भक्तों द्वारा चुनरी की छाया में ढ़ोल नगाड़े के साथ हुआ। व्यास पीठ पर बैठने के बाद यजमान जुगल गाडिया अपनी पत्नी सरिता गाडिया ने कान्हा-श्याम की पूजा अर्चना एवं आरती की और श्याम मंदिर कमेटी के सदस्यों लखदातार श्याम की जय जयकार के साथ जयाजी का स्वागत किया।

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नानीबाई के मायरे की कथा में गरीब ब्राह्मण नरसी मेहता द्वारा अपनी बेटी नानीबाई की पुत्री यानी नरसी जी की नतिनी की शादी के अवसर पर नाना द्वारा विभिन्न प्रकार का उपहार लाने की परंपरा है। लेकिन अच्छे उपहार न लाने पर नानीबाई के ससुराल द्वारा नरसी जी को कोसे जाने पर नरसी मेहता की करुण पुकार सुनकर कान्हा स्वयं आकर नानीबाई के ससुराल को उपहारों से भर देते हैं।

नानीबाई के मायरा प्रसंग के अंतिम दिन जया किशोरी जी ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नरसी मेहता अपनी बेटी नानीबाई के गांव अंजाननगर पहुंचते हैं। बेटी के द्वार नरसी मेहता अपनी गरीबी हालत में पहुंचने पर नानीबाई के ससुराल वाले उनकी आवभगत नहीं कर बेटी के सामने मजाक उड़ा कहते हैं कि आ गया तुम्हारा बाप खड़ताल बजाते सूरदास संतों के साथ। जबकि नानीबाई अपने पिता को देखकर काफी खुश हो रही थी कि बुढ़ापा में इतनी तकलीफ पाकर आये तो सही “ बाबाजी ने देख्याँ हूँ तो हरी मैं भरी, मायरों नहीं लाया तो आया तो सही''. फिर भी नानीबाई के सास, ससुर, देवर व दादी सास सभी शब्दों के तीखे बाणों से नरसी जी को घायल कर रहे थे। तब नरसी जी कन्हैया से केदार राग में ओ जी ओ मिजाजी म्हारा सांवरिया नानीबाई रा भात भरण ने आवो सांवरा भजनों के माध्यम से करुण पुकार करते हैं परम भक्त नरसी जी की करुण पुकार सुनकर सांवरे सरकार कन्हैया अपनी पत्नी रुकमणी के साथ सेठ-सेठानी के रूप में गाजा-बाजा, हाथी, घोड़ा, ऊंट और उपहारों से भरी गाड़ियों के साथ नानीबाई के बेटी की शादी में शामिल होने पहुंचते हैं। बांके बिहारी की अछ्वुत लीला देखकर नानीबाई के ससुराल वाले अवाक रह गए। जब श्याम सेठ से पूछा गया कि आप कौन है इतना उपहार नानीबाई के लिए क्यों लाए हैं तो श्याम सेठ ने कहा कि मैं तो नरसी जी का सेवक हूं वो जहां जाएंगे मैं उनके पीछे पीछे जाऊंगा। यह भक्त और भगवान के मिलन का चरमोत्कर्ष है जो जहां भगवान भक्त के वश में हो जाते हैं। मायरा के अंत में श्याम मंदिर के मीडिया प्रभारी राजेश कुमार सुंदरका ने बताया कि सोमवार को दिल्ली के अजय याग्निक द्वारा सुंदर कांड के संगीतमय सस्वर सामूहिक पाठ में सैकड़ों की संख्या में श्याम भक्त शामिल होंगे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में हरेकृष्ण नाथानी, ज्योति नाथानी, चशन्दन गाडिया, निक्की गाडिया, पुपरी के शुशील केजरीवाल, शीतल गाडिया, प्रिया गाडिया, अजय सोनी, अंशुल गोयनका, संजय हिसारिया, अंकित अग्रवाल, विकास बाजोरिया, सोनू परशुरामपुरिया, अजय बागला, नीरज गोयनका, श्रवण जीवराजका, सौरव खेमका, जय प्रकाश शर्मा, अíपत परशुरामपुरिया, रवि गोयनका, नवीन परशुरामपुरिया, मयंक सुन्दरका, नमन अग्रवाल, सुनील खेमका, निशा मेहता, अंशु हिसारिया, पूर्वी अग्रवाल, दिव्या बाजोरिया, आशिका अग्रवाल, वीजा बाजोरिया, शालू शराफ, खुशबू अग्रवाल, ऋषि अग्रवाल, संतोष शराफ, बसंत नारनोलिया, प्रिन्स मोहता, पंकज गोयनका, अनिल हिसारिया, राजेश बाजोरिया, शशि चौधरी आदि श्याम भक्तों ने सहयोग किया।


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