दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से सम्मानित हुईं मुखिया रितू जायसवाल
सीतामढ़ी। जिले के सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितू जायसवाल को पंडित दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सीतामढ़ी। जिले के सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितू जायसवाल को पंडित दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के नेशनल एग्रीकल्चरल साइंस कॉम्प्लेक्स केसी सुब्रह्मण्यम हॉल में आयोजित भव्य समारोह में केंद्रीय पंचायती राज सह कृषि एवं कृषक कल्याण सह ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुखिया रितू जायसवाल को सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने उनको शील्ड और प्रमाण पत्र प्रदान किया। पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार यह सम्मान पंचायतों की Xह्नह्वश्रह्ल;समर्पित साहसिक उड़ानXह्नह्वश्रह्ल; को दिया गया है। बिहार के सीतामढ़ी जिले की किसी पंचायत को पहली बार राष्ट्रीय सम्मान मिलने का यह गौरव प्राप्त हुआ है। इस सम्मान से जिले का हीं नहीं बल्कि, सूबे का मान बढ़ा है। बताते चलें कि प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन कर सम्मानित किया जाता है। इस बार लोकसभा चुनाव के कारण इसकी घोषणा देरी से हुई। सिंहवाहिनी के अलावा जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड की धरनई, नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड की दामोदरपुर बलधा पंचायत समेत देशभर की 246 पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति को इस राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। सिंहवाहिनी पंचायत को यह राष्ट्रीय सम्मान पंचायत में चर्चित मुखिया रितू जायसवाल के कुशल नेतृत्व में थीमेटिक कैटेगरी Xह्नह्वश्रह्ल;कम्युनिटी बेस्ड आर्गेनाईजेशन इंडिविजुअल्स टेकिग वोल्युन्ट्री एक्शन्सXह्नह्वश्रह्ल; को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। सिंहवाहिनी ने सरकारी योजनाओं से अलग आपसी तालमेल और संघर्ष से कई कीर्तिमान रचे हैं। खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर जागरूकता, बायो गैस प्लांट का निर्माण, बाढ़ जैसी भीषण आपदा में पंचायत के युवाओं की टीम के द्वारा मुखिया के नेतृत्व में की गई सेवा, बाल विवाह को रोकने के लिए सिलाई सेंटर की स्थापना, सैनिटरी पैड बैंक की स्थापना, घरेलू हिसा को रोकने पर ग्रामीण स्तरीय कमिटी के द्वारा किये गए कार्य, विधवाओं को उनका अधिकार दिलाने, आर्थिक रूप से कम•ाोर परिवार से आने वाले बच्चों के लिए आउट ऑफ स्कूल सपोर्ट क्लास चलाना, सामूहिक प्रयास से अतिक्रमण मुक्त करा कर मुख्य सड़क निकालना, मिथिला की परम्परा को जीवंत रखने के लिए कार्य करने आदि जैसे कार्यों को इस कैटेगरी में सम्मान देने के लिए पैरामीटर बनाया गया था। समारोह में केंद्रीय मंत्री तोमर के अलावा, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा, नबा कुमार डोले, टीएस सिंह देव, एसपी वेलूमनी, संजीव पटजोशी, अमरजीत सिन्हा व संजय सिंह समेत मंत्री, अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। बताते चलें कि महानगर की चकाचौंध जिदगी छोड़ कर सोनबरसा जैसे सुदूर ग्रामीण इलाके के सिंहवाहिनी में समाज सेवा खास कर नारी सशक्तिकरण के लिए लगातार जारी अभियान के चलते मुखिया रितू जायसवाल देश स्तर पर चर्चित शख्सियत बन गई हैं। महिलाओं और युवतियों की माहवारी की पीड़ा को लेकर सिंहवाहिनी पंचायत में सेनिटरी पैड बैंक की स्थापना कर मुफ्त वितरण कर देश में चर्चा में आई रितू जायसवाल वाकई नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई है। पहली मार्च 1977 को वैशाली जिले के हाजीपुर में जन्मी और हाजीपुर में पली-बढ़ी रितू ने हाजीपुर महिला कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की। इसके अलावा वह कत्थकली और भरटनायटम जैसे शास्त्रीय नृत्य में भी दक्ष है। सात दिसंबर 1996 में उनकी शादी सेंट्रल विलेज कमिशन के निदेशक के पद पर तैनात अरूण कुमार से हुई। रितू को एक पुत्र और एक पुत्री है। रितू जायसवाल ने वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के दौरान राजनीति में कदम रखा। उन्होंने 1853 मतों से जीत दर्ज कर मुखिया बनने में कामयाबी पाई। मुखिया बनते ही उन्होंने पंचायत के विकास के लिए कमर कस ली। इस दौरान पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर आवाज भी उठाती रहीं। नतीजतन उन पर कई हमले और फर्जी मुकदमे भी हुए। बावजूद इसके वह रूकी नहीं। सबसे पहले उन्होंने पंचायत की महिलाओं और युवतियों की माहवारी से संबंधित परेशानी पर काम किया। वह घुम-घुम कर उन्हें जागरूक करने लगी। साथ ही पंचायत में सेनिटरी नेपकिन पैड बैंक की स्थापना की। इसके साथ ही वह लेडी पैड वूमेन बन गई। उन्होंने पाया कि इलाके में बाल विवाह तेजी से रहे है। इसके लिए उन्होंने पंचायत के कई स्थानों पर सिलाई सेंटर की स्थापना की। वह नारी और बालिका शिक्षा पर लगातार काम कर रही है। महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए समय-समय पर स्कील ट्रेनिग उपलब्ध करा रही है। स्वयं सहायता समूह का निर्माण करा उन्हें आत्म निर्भर भी बना रही है। इतना ही नहीं पंचायत के विकास की लिए उन्होंने बायो गैस प्लांट की भी स्थापना कराई है, इससे लोगों को रोजगार भी मिला है। बाढ़ के दौरान उन्होंने युवाओं की टभ्म बना कर पीड़ितों की सेवा भी की। आज भी वह महिलाओं के हक के लिए सबसे पहले आगे आती है। उन्हें दर्जनों राष्ट्रीय और अंत राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।