अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष की हुई पूजा अर्चना
जिले में शुक्रवार को अक्षय नवमी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया।
सीतामढ़ी। जिले में शुक्रवार को अक्षय नवमी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कई जगहों पर आंवला के पेड़ के नीचे सात्विक भोजन बनाकर परिवार के साथ उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इस अवसर पर विभिन्न मठ-मंदिरों पर लोगों ने पूजा अर्चना की। मठों में इस अवसर पर अक्षय नवमी के अवसर पर विशेष भंडारा का आयोजन किया गया। कार्तिक शुक्ल पक्ष के अक्षय नवमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस अवसर पर आंवला के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर कर ग्रहण करने को सुख-समृद्धि एवं निरोग एवं अमृत तुल्य बताया जाता है। जहां आंवला का पेड़ नहीं उपलब्ध रहता है तो लोग भोजन में आज के दिन आंवला का सेवन अवश्य करते हैं। इस अवसर पर जानकी स्थानी, पीली कुटी आदि जगहों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया।
बाजपट्टी: प्रखंड मुख्यालय के मंगलाधाम मंदिर परिसर में रविवार को अक्षय नवमी पर वैदिक मंत्रोच्चार से विधिवत पूजा अर्चना की की गई । जिसमें सुहागिन समेत अधिक से अधिक संख्या में कुंवारी कन्याओं ने भाग लिया।
श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और भक्ति भाव से आंवला वृक्ष के समीप प्रसाद बनाई। आचार्य कृष्ण कुमार झा ने कहा कि कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी पर आंवले के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए अक्षय नवमी पूजन अवश्य करनी चाहिए। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अन्य दिनों की तुलना में नवमी पर किया गया दान-पुण्य से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मौके पर विशेष महाआरती की गई। साथ ही भंडारे का आयोजन किया गया। मौके पर त्रिपुरारी झा, गो¨वद झा, रणधीर कुंवर एवं रमेश ¨सह आदि ने सहयोग किया।