हत्या के बाद गम और गुस्से का माहौल, सड़क जाम कर आक्रोशितों ने घेरा थाना
सीतामढ़ी। आवापुर उतरी पंचायत के आवापुर गांव में शनिवार को हुए हत्याकांड को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा।
सीतामढ़ी। आवापुर उतरी पंचायत के आवापुर गांव में शनिवार को हुए हत्याकांड को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। लोगों ने सड़क जाम कर पुलिस के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया। सबसे पहले पुपरी-नानपुर पथ को थाने के सामने शव वाले वाहन के साथ सड़क जाम कर आवागमन अवरुद्ध कर दिया गया। साथ ही थाना के बाहर घेराव करते हुए प्रदर्शन करने लगे। इसके कारण एक घंटे तक राहगीर परेशान रहे। इस दौरान पुलिस की चुप्पी को देख करीब तीन बजे शव को लेकर पुपरी-सीतामढ़ी पथ को आवापुर चौक पर बांस-बल्ला लगाकर सड़क जाम कर दी गई। शव को सड़क पर रखकर ग्रामीणों ने पुलिस के विरुद्ध जमकर भड़ास निकाली। टायर जलाकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की जाने लगी। लोग थानाध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि हत्या के आरोपित की पूर्व के दुष्कर्म की घटना मामले में गिरफ्तारी की गई होती तो आज हत्या की घटना नही होती। प्रदर्शनकारी उनकी गिरफ्तारी होने तक सड़क जाम रखने पर अड़े थे। सड़क जाम होने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। करीब पांच घंटों तक गतिरोध बना रहा।
------------------------------- पूर्व विवाद, चुनावी रंजिश और अन्य कारणों से हुई हत्या : मदरसा शिक्षक व पंचायत के मुखिया जकीउल्लाह जकी के भाई मो. नसरल्लाह के हत्या के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो पिछले कई वर्षों से गांव में मुखिया व उनके विरोधी गुटों में विवाद जारी है। यही वजह है कि चुनाव से पहले दिल्ली में मुखिया जकीउल्लाह की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया था। इसके अलावा गांव में भी दोनों पक्षों की ओर से थाने में केस दर्ज कराया जा चुका है। मृतक के चचेरा भाई महमूद आलम शेख सड़क पर चीख-चीख कर पूर्व सरपंच समेत कई लोगों का नाम हत्या के पीछे ले रहे थे। महमूद आलम हत्या के लिए थानाध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद को भी जिम्मेवार ठहरा रहे थे। उनका आरोप था कि पूर्व के दुष्कर्म व अन्य मामले में दर्ज प्राथमिकी के आरोपियों की गिरफ्तारी हुई होती तो आज यह घटना नही होती। बताया जाता है कि दुष्कर्म मामले दर्ज प्राथमिकी को लेकर विरोधी गुट की ओर से कई दिनों से दवाब बनाया जा रहा था। इसको लेकर शुक्रवार की रात व घटना की सुबह भी मामला बिगड़ गया था। पुलिस को सूचना देने के बाद भी गंभीरता से नही लिया गया। गांव में गम और गुस्से का दिखा माहौल, परिवार में मातमी : मदरसा शिक्षक नसरुल्लाह की हत्या के बाद गांव के अधिकांश लोग गुस्से में दिखे। लोग इस घटना को लेकर विरोधी को कोसते रहे। भाई के हत्या पर मुखिया जकीउल्लाह बेसुध हो गए है। परिवार में मातमी छा गया है। स्वजन चीत्कार मार दहाड़ रहे थे। ग्रामीणों ने इस घटना में शामिल लोगों को अविलंब गिरफ्तार करने व मृतक के आश्रितों को मुआवजे की मांग करते रहे। छावनी में तब्दील रहा सड़क से लेकर आवापुर गांव : गांव में हुए खूनी जंग में एक व्यक्ति की मौत के बाद पुलिस हरकत में आ गई। जाम स्थल से लेकर घटना स्थल तक पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। डुमरा, बाजपट्टी समेत कई थानों की पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। सदर डीएसपी रामाकांत उपाध्याय के नेतृत्व में कई पुलिस पदाधिकारी मामले को शांत कराने में जुट गए। लेकिन, इन अधिकारियों की घंटों कुछ नही चली। मामला बिगड़ते देख मृतक के परिजन व कुछ ग्रामीणों से बातचीत की कोशिश की। देर शाम तक सड़क जाम हटाने का प्रयास चलता रहा। फिलहाल पुलिस मामले में आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।