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17 लाख लूटकांड में 4.82 लाख बरामद, तीन गिरफ्तार

मेजरगंज बाइक एजेंसी के मुंशी ललन सिंह से 16 मई को दिनदहाड़े सड़क पर 17 लाख रुपये लूट के मामले में पुलिस ने आखिरकार तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कैश भी बरामद किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 01:15 AM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 01:15 AM (IST)
17 लाख लूटकांड में 4.82 लाख बरामद, तीन  गिरफ्तार
17 लाख लूटकांड में 4.82 लाख बरामद, तीन गिरफ्तार

सीतामढ़ी । मेजरगंज बाइक एजेंसी के मुंशी ललन सिंह से 16 मई को दिनदहाड़े सड़क पर 17 लाख रुपये लूट के मामले में पुलिस ने आखिरकार तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कैश भी बरामद किए हैं। एसपी हरकिशोर राय ने गुरुवार को नगर थाने पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर इसकी जानकारी दी। बता दें कि रविवार दोपहर सीतामढ़ी-रीगा रोड में पुनौरा थाना क्षेत्र के खौरवा गांव स्थित एक निजी स्कूल के समीप मेजरगंज हीरो एजेंसी के मुंशी ललन सिंह के हाथ से पैसा से भरा बैग लूट लिया। एसपी ने बताया कि नगर थाना क्षेत्र के वार्ड सात ब्रह्मस्थान निवासी अमित कुमार, सोनापट्टी महावीर स्थान निवासी मोनू कुमार व कन्हौली थाना क्षेत्र के कचोर गांव निवासी अमित कुमार को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से एक पिस्टल, एक देसी कट्टा, पांच जिदा कारतूस के साथ लूटी गई राशि में से 4 लाख 82 हजार रुपया बरामद कर ली गई है। इस प्रकार अभी 12 लाख 18 हजार रुपये बरामद करने और लूटकांड में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी पुलिस को करनी है। एसपी के अनुसार, घटना के उदभेदन के लिए मुख्यालय डीएसपी पीएन साहु के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित की गई थी। टीम के द्वारा सर्विलांस, सीडीआर व तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज व कुछ अपराधियों से संदेह के आधार पर ये सफलता हासिल हुई।

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लूटकांड का उदभेदन बन गया था पुलिस के लिए चुनौती

पुलिस पर इस केस के जल्द से जल्द उदभेदव का बड़ा दबाव था। एसपी के योगदान के 36 दिनों के अंदर लॉकडाउन में लूट की इतनी बड़ी वारदात से पुलिस की साख पर सवाल खड़े हो रहे थे। पुलिस के सूत्रों ने कहा कि अभी भी कुछ लोगों को हिरासत में रखा गया है। उनसे कड़ी पूछताछ चल रही है। बाइक एजेंसी के मुंशी के साथ भी पुलिस ने इस बात के लिए काफी सख्ती बरती कि वह सच्चाई उगल दे। दरअसल, पुलिस को शुरू से ही इस लूटकांड पर संदेह हो रहा था। मुंशी से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही थी कि आखिर इतनी बड़ी रकम को उसके पास क्यों और किन परिस्थितियों में रखी गई थी। जब पैसे एजेंसी के थे तो उसको एजेंसी के पास स्थित एसबीआइ ब्रांच में जमा क्यों नहीं किया गया। मेजरगंज में एजेंसी है और पैसे को सीतामढ़ी में लाने का औचित्य पुलिस के लिए समझ से परे लग रहा था।


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