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जिले के बारह प्रखंडों के 105 गांव बाढ़ प्रभावित

सीतामढ़ी। जिले में बाढ़ से उत्पन्न तबाही के मद्देनजर डीएम डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने रविवार को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। इस दौरान डीएम ट्रैक्टर पर सवार होकर तथा तीन से चार फीट पानी हेल कर बाढ़ के पानी से घिरे लोगों के पास पहुंच उनका हाल जाना।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 11:29 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:33 AM (IST)
जिले के बारह प्रखंडों के 105 गांव बाढ़ प्रभावित
जिले के बारह प्रखंडों के 105 गांव बाढ़ प्रभावित

सीतामढ़ी। जिले में बाढ़ से उत्पन्न तबाही के मद्देनजर डीएम डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने रविवार को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। इस दौरान डीएम ट्रैक्टर पर सवार होकर तथा तीन से चार फीट पानी हेल कर बाढ़ के पानी से घिरे लोगों के पास पहुंच उनका हाल जाना। डीएम ने रीगा प्रखंड के कुसुमपुर बखरी समेत कई गांवों का दौरा किया। साथ ही अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज करने का आदेश दिया। पीड़ितों तक हर हाल में राहत पैकेट उपलब्ध कराने का आदेश दिया। उधर, समहरणालय में डीएम ने एसपी अनिल कुमार समेत अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ की स्थिति, राहत और बचाव कार्य आदि का जायजा लिया। डीएम ने संबंधित प्रखंड के विद्यालयों में जहां राहत शिविर बना है, वहां कम्युनिटी सेंटर के माध्यम से शरणार्थियों को भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके आलोक में लगभग 100 स्थानों पर सामुदायिक किचेन संचालित किया जा रहा है। इन सामुदायिक किचेन में विद्यालय में पूर्व से भंडारित खाद्यान्न, तेल, मसाला व जलावन आदि का उपयोग किया जा रहा है। डीएम ने सभी प्रखंड साधन सेवी को निर्देश दिया है कि विद्यालय में भंडारित खाद्यान्न का फोटो, खाना बनाने व खिलाने की तस्वीर के साथ ही प्रतिदिन कितने लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया, इससे संबंधित प्रतिवेदन रोजाना जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं। ताकि बाद में जिला प्रशासन से मिलने वाले चावल व राशि से समायोजन किया जा सके। इधर, डीएम डॉ. सिंह ने कहा है कि आपदा की इस घड़ी में जिले के लोग धैर्य का परिचय दें। जिला प्रशासन पीड़ितों को हर संभव सहयोग और सहायता प्रदान करने के प्रति संकल्पित है। डीएम ने किसी भी तरह की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को देने की अपील की। कहा है कि किसी भी प्रकार की सूचना या सहायता के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर पर 06226-250316 पर संपर्क करें। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य कर रहा है। इधर, डीएम ने सिविल सर्जन को अस्पतालों के अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में दवा, इलाज, एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था का आदेश दिया है। डीएम ने बताया है कि जिले के 12 प्रखंडों के 105 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। नदियों के जलस्तर में लगभग 50 सेंटीमीटर की कमी आई है, लेकिन भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है।

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अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी

सीतामढ़ी : डीएम डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने बाढ़ के मद्देनजर अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। रविवार की शाम समाहरणालय में आयोजित बैठक में अपर समाहर्ता विभागीय जांच को जिला नियंत्रण कक्ष में प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने और मॉनीटरिग का आदेश दिया। जबकि जिला आपूर्ति पदाधिकारी को सामुदायिक किचेन की मॉनिटरिग करने और प्रतिदिन रिपोर्ट देने का आदेश दिया। सिविल सर्जन को सभी राहत शिविरों में चिकित्सा व्यवस्था बहाल करने, पर्याप्त दवा व ब्लीचिग पाउडर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को प्रभावित क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया गया। डीएम ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिले में एक भी व्यक्ति की मौत भूख से नही हो। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़क, संपर्क पथ, पुल व पुलिया आदि को चिन्हित कर सूची भी तैयार करने का निर्देश दिया। सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी अपने संबंधित प्रखंड में ही कैम्प करेंगे। डीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आपदा की इस घड़ी में थोड़ी भी लापरवाही व शिथिलता भारी पड़ सकती है। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारी व कर्मी को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। आपदा मित्रों, यूथ फॉर डीएम, स्थानीय जनप्रतिनिधि, आमजनों के प्रति आभार प्रकट किया। आपदा की इस घड़ी में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले आपदा मित्रों, स्वच्छता प्रेरकों और यूथ फॉर डीएम के सदस्यों को चिन्हित कर पुरस्कृत करने का एलान किया।

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एसडीआरएफ की एक, एनडीआरएफ की तीन टीम जिले में पहुंची

सीतामढ़ी : एसडीआरएफ की एक और एनडीआरएफ की तीन टीम जिले में पहुंच चुकी है। इसके अलावा 25 मोटर बोट और 135 पंजीकृत नाव भी उपलब्ध है। डीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में धारा 144 का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि कई जगहों पर तेज धार को देखने के लिए काफी संख्या में लोग विशेषकर बच्चे, महिलाएं जमा हो रही हैं। इससे दुर्घटना की काफी संभावना बनी रहती है। इसकी जानकारी डीपीआरओ परिमल कुमार ने दी है।

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