निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा
शेखपुरा। शुक्रवार को बरबीघा थाना से सटे डा. श्रवण कुमार के क्लीनिक में गर्भपात के इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। मृतक महिला बरबीघा नगर के पशुपालन अस्पताल परिसर में रहने वाली शंकर मल्लिक की 40 वर्षीय पत्नी गीता देवी थी। उसकी मौत पर गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में जमकर तोड़फोड़ किया। थाना के आगे लाश रख कर रोड जाम कर दिया।
शेखपुरा। शुक्रवार को बरबीघा थाना से सटे डा. श्रवण कुमार के क्लीनिक में गर्भपात के इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। मृतक महिला बरबीघा नगर के पशुपालन अस्पताल परिसर में रहने वाली शंकर मल्लिक की 40 वर्षीय पत्नी गीता देवी थी। उसकी मौत पर गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में जमकर तोड़फोड़ किया। थाना के आगे लाश रख कर रोड जाम कर दिया। गर्भाशय धुलाई के नाम पर क्लीनिक में भर्ती
मृतक महिला की मां चांदो देवी ने बताया कि उसकी पुत्री दो माह की गर्भवती थी। फिर घर पर गर्भपात हो गया।अधिक खून बहने लगा। किसी ने भर्ती नहीं लिया। यहां बीस हजार में धुलाई करने का भरोसा दिया। फिर इलाज के बाद तबियत बिगड़ने के बाद भी डॉक्टर नहीं आए। यहां से भी दूसरे निजी क्लीनिक में ले गया तो वहां गंभीर स्थिति बताया गया। फिर मरीज को बिहारशरीफ ले जाने के दौरान मौत हो गई। --
जमकर किया तोड़फोड़ और रोड जाम
महिला के मौत के बाद परिवार वालों ने जमकर तोड़फोड़ किया। क्लीनिक के कुर्सी, चौकी, पंखा इत्यादि तोड़ दिए । डॉक्टर के चेंबर में घुसकर भी तोड़फोड़ किया। आलम यह रहा कि इस क्लीनिक के डॉक्टर एवं सभी स्टाफ भाग खड़े हुए। दवा दुकानदार भी शटर गिरा कर भाग खड़ा हुआ। क्लीनिक के अंदर कई ऑपरेशन के बाद भर्ती मरीज ने अंदर से दरवाजा बंद कर अपनी जान बचाई। गुस्साए लोगों के उपद्रव घंटों चलता रहा। फिर क्लीनिक के आगे थाना के पास ही लोगों ने रोड जाम कर दिया। शाम सात बजे दो धंटे बाद जाम खत्म किया गया। ---- दस कदम की दूरी तय करने में पुलिस को लगा एक घंटा
थाना के चारदीवारी से सटे यह क्लीनिक संचालित है। यहां तोड़फोड़, उपद्रव और हंगामा होता रहा परंतु पुलिस थाना से निकलकर बाहर आने की जहमत नहीं उठाई। एक घंटा के बाद कई लोगों के द्वारा कहे जाने पर पुलिस थाना से निकल कर बाहर आई। गुस्साए रोड जाम करते लोगों को समझाने में जुट गई। -- इससे पहले भी एक महिला की हो चुकी है मौत इसी क्लीनिक में आपरेशन के दौरान एक महिला की मौत पांच जुलाई को हो गई। मृतक महिला थाना क्षेत्र के हैदरचक गांव निवासी थी। इस मामले को पच्चास हजार देकर मैनेज कर लिया गया था। क्लीनिक में सर्जरी की कोई गुणवत्ता पूर्ण व्यवस्था नहीं होने के बाद भी यहां सस्ते ऑपरेशन किए जाते हैं। इसी वजह से यहां लगातार लोगों की मौत हो रही है। जिले में इस तरह के कई क्लीनिक संचालित है। -- सात बच्चों की मां थी मृतक महिला मृतक महिला 40 वर्ष की उम्र में 7 बच्चों की मां थी। वहीं आठवें बच्चों को लेकर वह गर्भवती हुई थी। जिसमें गर्भपात के दौरान अधिक खून बहने से उसे इलाज के लिए लाया गया और उसकी मौत हो गई। --- क्या कहते हैं अधिकारी इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने कहा कि आम लोगों के जीवन से इस तरह का खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। बगैर सर्जन के भी यहां लोग ऑपरेशन कर रहे हैं। यह जानलेवा है। स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिलने पर जांच कमेटी बैठा कर इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं पुलिस ने बताया कि कोई आवेदन नहीं मिला है।