आस्था का प्रमुख केंद्र है तेतारपुर और तेउस का सूर्य मंदिर
शेखपुरा जिले के बरबीघा के तेतारपुर गांव और तेउस गांव में स्थित सूर्य मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है और यहां कई जिले के लोग आकर छठ पर्व पर अर्घ देते हैं। गांव वालों के सहयोग से छठ घाटों की साफ-सफाई से लेकर मेले की व्यवस्था संभाली जाती है।
जासं, शेखपुरा: शेखपुरा जिले के बरबीघा के तेतारपुर गांव और तेउस गांव में स्थित सूर्य मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है और यहां कई जिले के लोग आकर छठ पर्व पर अर्घ देते हैं। गांव वालों के सहयोग से छठ घाटों की साफ-सफाई से लेकर मेले की व्यवस्था संभाली जाती है।
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कई दशक पुराना है तेतारपुर सूर्य मंदिर
जगदीशपुर पंचायत अंतर्गत तेतारपुर गांव का सूर्य मंदिर कई दशक पुराना बताया जाता है। मंदिर के आगे बने मालती पोखर तालाब की प्रसिद्ध काफी है और पूर्णिमा तथा अन्य विषेश दिन में यहां स्नान करने के लिए भी दूर-दूर से लोग आते हैं। मालती पोखर सूर्य मंदिर पर अर्घ देने के लिए कई जिले के लोग शामिल होते हैं और यहां हजारों की भीड़ जुटती है। ग्रामीण बुजुर्ग 80 वर्षीय तनिक सिंह ने बताया कि मालती पोखर तालाब का नामाकरण एक अलौकिक महिला के द्वारा किया गया और उनके द्वारा नामाकरण के बाद से फिर उस महिला को किसी ने नहीं देखा। यहां के सूर्य मंदिर कई कई दशकों पुराना है और इसका निर्माण कब हुआ यह किसी को याद नहीं। बताते हैं कि इस सूर्य मंदिर में लोगों की मनोकामना पूरी होती है और मनोकामना पूरी होने पर लोग यहां विशेष पूजा करते हैं।
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तेउस सूर्य मंदिर बना आस्था का केंद्र तेउस पंचायत के तेउस गांव में अवस्थित सूर्य मंदिर भी आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। पूर्व मुखिया स्व महेंद्र सिंह के पुत्र और प्रवासी भारतीय के द्वारा इस मंदिर का भव्य निर्माण कराया गया है और ग्रामीणों के सहयोग से ही इसका संचालन हो रहा है। मंदिर के प्रमुख पुजारी और प्रवचनकर्ता के रूप में सेवानिवृत्त शिक्षक अमर बाबू यहां प्रत्येक दिन भागवत कथा, रामयण पाठ करते हैं। साथ ही साथ छठ पर्व पर बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं यहां अर्ध देने जुटती हैं। अमर बाबू, रूपेश कुमार आदि बताते है कि इस सुर्य मंदिर की आधारशिला 2001 में रखी गई और 2007 में भगवान भास्कर की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा हुआ। 2007 से अमर बाबू यहां भागवत कथा कर रहे है।