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जिले में 10 हजार से अधिक बाल मजदूर

जिले में बाल मजदूरी तथा बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई मिटाने के लिए विशेष कार्य योजना तैयारी की जायेगी । यह कार्य योजना पांच वर्षों के लिए एक बार बनाई जायेगी। जिले में अभी भी 10 हजार से अधिक बाल मजदूर काम कर रहे हैं। बाल विवाह भी धड़ल्ले से हो रहे हैं। यह बात गुरुवार को बाल संरक्षण पर आयोजित एक दिन की कार्यशाला में सामने आई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 07:14 PM (IST)
जिले में 10 हजार से अधिक बाल मजदूर
जिले में 10 हजार से अधिक बाल मजदूर

शेखपुरा । जिले में बाल मजदूरी तथा बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई मिटाने के लिए विशेष कार्य योजना तैयारी की जायेगी । यह कार्य योजना पांच वर्षों के लिए एक बार बनाई जायेगी। जिले में अभी भी 10 हजार से अधिक बाल मजदूर काम कर रहे हैं। बाल विवाह भी धड़ल्ले से हो रहे हैं। यह बात गुरुवार को बाल संरक्षण पर आयोजित एक दिन की कार्यशाला में सामने आई।

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यह कार्यशाला कलेक्ट्रेट के पुराने सभागार में आयोजित की गई। इसमें बाल संरक्षण से जुड़े पटना के कई वरीय अधिकारी के साथ जिला स्तर पर महिला हेल्पलाइन,आइसीडीएस, पुलिस, स्वास्थ्य तथा बाल संरक्षण से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए। कार्यशाला में यह बात भी लोगों ने बताया कि बाल मजदूरी तथा बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई अधिकांश अनुसूचित जाति तथा कमजोर वर्ग से जुड़े समाज में अधिक है। इसमें सबसे अधिक ़खराब स्थिति मुसहर समाज की है। कार्यशाला में जुटे विभिन्न विभागों के अधिकारी ने बाल मजदूरी तथा बाल विवाह को रोकने के लिए चिह्नित समाज में जागरुकता अभियान चलाने पर जोर दिया। बताया गया कि जागरुकता के बिना इस तरह की सामाजिक बुराइयों से पार पाना मुश्किल है। इसके लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों से मदद लेने पर भी विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला में बाल संरक्षण के लिए बच्चों के भिक्षाटन पर भी चिता जताई गई। अलग-अलग क्षेत्रों से जुटे अधिकारियों तथा विशेषज्ञ ने कहा कि बाल-विवाह,बाल मजदूरी, बाल भिक्षाटन जैसी समस्या पर काबू पाने के लिए सबसे पहले उनके अभिभावकों से सीधा संपर्क स्थापित करके उन्हें विश्वास में लेना होगा । अभिभावकों को विश्वास में लिए बिना कोई भी प्रयास अधूरा रहेगा।


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