झोलाछाप डॉक्टर सर्जन बन कर रहे जानलेवा ऑपरेशन
शेखपुरा। जिले में गंभीर से गंभीर बीमारियों की सर्जरी झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। वैसे तो आदमी के ऑपरेशन के लिए तय मानकों के अनुसार कई मापदंड रखे गए हैं जिनमें अत्याधुनिक ओपीडी होना आवश्यक है। साथ ही बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया डॉक्टर और सर्जरी करने के लिए सर्जन का होना भी आवश्यक है। वैसे में लोगों के जान से खेलने में झोलाछाप डॉक्टर बाज नहीं आ रहे।
शेखपुरा। जिले में गंभीर से गंभीर बीमारियों की सर्जरी झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। वैसे तो आदमी के ऑपरेशन के लिए तय मानकों के अनुसार कई मापदंड रखे गए हैं जिनमें अत्याधुनिक ओपीडी होना आवश्यक है। साथ ही बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया डॉक्टर और सर्जरी करने के लिए सर्जन का होना भी आवश्यक है। वैसे में लोगों के जान से खेलने में झोलाछाप डॉक्टर बाज नहीं आ रहे। चंद पैसे में आम लोग भी अपनी जान को दांव पर लगा देते हैं। लोगों की जान यदि चली जाती है तो मोटी राशि देकर मामले को मैनेज कर लिया जाता है। इसी स्थिति का जायजा मंगलवार को आपके अपने लोकप्रिय अखबार दैनिक जागरण ने लिया।
बरबीघा के नारायणपुर मोहल्ले में भवानी क्लीनिक के नाम से एक क्लीनिक संचालित है। यहां पहुंचने पर क्लीनिक के आगे कई नामी-गिरामी डॉक्टरों का बोर्ड लगा हुआ है। बाहर बैठी एक महिला ने बताया कि उसका घर नगर के मदारीचक है और वह अपेंडिस का ऑपरेशन करवाने के लिए आई है। पांच हजार में ऑपरेशन तय हुआ है। दवाई भी यहीं मिलेगी। इतने पर क्लीनिक के संचालक बाहर आते हैं। परिचय देने पर उनके द्वारा सवाल-जवाब किया जाता है।
अंदर प्रवेश करने पर कई मरीज वार्ड में लेटी हुई थीं। एक मरीज उषा देवी ने बताया कि उसका पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन यहां किया गया है। 15 हजार में ऑपरेशन हुआ है। दवाई आदि यही दी जानी है। नर्सिंग होम के संचालक ने बताया कि निबंधन अभी नहीं कराया गया है।
यही हाल परसोबीघा में देखने को मिला। यहां महादेव नर्सिंग होम में प्रसव कराने की व्यवस्था की गई है। अनैतिक गर्भपात का काम भी है। इसका जायजा लेने पर यहां एक महिला मरीज पाई गई। इस्माइलपुर गांव निवासी पूजा देवी ने बताया कि बड़ा ऑपरेशन से बच्चा हुआ है। 20 हजार में सौदा तय किया गया है। यहां भी कई प्रख्यात डॉक्टरों का बोर्ड लगा दिया गया है। हालांकि गंभीर ऑपरेशन के बाद भी यहां देखभाल करने के लिए न तो कोई कंपाउंडर नजर आया न ही कोई नर्स। महिला मरीज के साथ उसकी मां केवल दिखाई दी। इसी तरह की स्थिति बरबीघा के पुराने सिनेमा हॉल के पास देखने को मिला। यहां पर एक ममता कार्यकर्ता द्वारा अस्पताल से महिलाओं को प्रसव के लिए बहला-फुसलाकर लाकर प्रसव कराया जाता है। हालांकि, यहां पर कोई मरीज नहीं मिला। बरबीघा के सामस गांव में भी सर्जरी का काम किया जाता है। उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. वीर कुंवर सिंह ने बताया कि इस तरह की शिकायत उनको नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।