पड़ोसी ने महिला के पेट पर मारी लात, गर्भस्थ शिशु व मां की मौत
शेखपुरा। मंगलवार की शाम चेवाड़ा बेलदारी गांव में शराब के नशे में वहशी हुए एक व्यक्ति ने पड़ोस की एक मह
शेखपुरा। मंगलवार की शाम चेवाड़ा बेलदारी गांव में शराब के नशे में वहशी हुए एक व्यक्ति ने पड़ोस की एक महिला की जान ले ली। महिला को 8 महीने का गर्भ था और उस दरिंदे ने महिला के पेट पर लात मार दी जिससे गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई। इसके कुछ घंटे बाद इलाज के लिए पटना ले जाने के दौरान मां की भी मौत हो गई। इस दोहरे हत्याकांड की मूल वजह शराब के नशे में धुत होकर गाली-गलौज व मारपीट बताई जा रही है। उमेश केवट ने गांव में ही चुलाई हुई देसी शराब पी और पड़ोस के बबलू मांझी से उलझ गया। इस दौरान वह मारपीट करने लगा तो बबलू की पत्नी रीता देवी बीच-बचाव करने पहुंची। इतने में उमेश ने रीता के पेट पर जोरदार लात मार दी जिससे रीता वहीं गिर पड़ी और उसका गर्भपात हो गया। यह देख हमलावर मौके से भाग निकला।
वहीं, परिजन गंभीर हालत में रीता को चेवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां उसे बेहतर इलाज के लिए शेखपुरा भेज दिया गया लेकिन शेखपुरा के डॉक्टर भी जब महिला का रक्तस्त्राव नहीं रोक सके तो उसे पटना रेफर कर दिया। इस भाग-दौड़ में कई घंटे बीत गए और पटना जाने के दौरान रास्ते में ही रीता ने दम तोड़ दिया। रीता अपने पीछे दो छोटे बच्चे और कई सवाल छोड़ गई है। पहला यह कि सूबे में शराबबंदी के बावजूद चेवाड़ा बेलदारी गांव में कैसे शराब चुलाई और पी जा रही है। दूसरा यह कि चेवाड़ा पीएचसी व शेखपुरा सदर अस्पताल में किस स्तर के डॉक्टर तैनात किए गए हैं कि वे एक महिला का रक्तस्त्राव तक नहीं रोक सके और एक-दूसरे को रेफर करके अपना ¨पड छुड़ा लिया जिससे महिला की अत्यधिक रक्तस्त्राव से मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद बिलख रहे बबलू मांझी ने कहा भी कि गांव में कभी शराब बंद नहीं हुई। यहां रोज शराब चुलाई और पी जा रही है। फिर नशे में धुत लोग बेवजह आपस में मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। डॉक्टर को भगवान मानने वाला बबलू उनकी काबिलियत या अस्पताल में मौजूद संसाधनों के बारे में नहीं जानता। उसे पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक जिस तरह जिसने सलाह दी, बस वही करता चला गया। नतीजे के तौर पर पत्नी और उसके गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की मौत देखनी पड़ी। बहरहाल. बबलू ने इस मामले में चेवाड़ा थाने में उमेश केवट के खिलाफ डबल मर्डर का मामला दर्ज करा दिया है। पुलिस फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
मुखिया ने 3 हजार और बीडीओ ने 20 हजार रुपए दिए :
गर्भवती महिला रीता का शव जैसे ही गांव लाया गया मुखिया व बीडीओ ने मानवीयता दिखाई। सरकारी प्रावधानों के मुताबिक मुखिया दयानंद चौधरी ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत मृतका के पति को 3 हजार रुपये और बीडीओ सुनील कुमार ¨सह ने पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये की सहायता प्रदान की।