जुवेनाइल कोर्ट की अनोखी सजा: बच्चों को पढ़ाओ, मरीजों की सेवा करो
शेखपुरा की जुवेनाइल कोर्ट ने एक किशोर को अवैध भट्ठी चलाने के आरोप में अनोखी सजा सुनाते हुए उसे दलित टोले के बच्चों को पढ़ाने और अस्पताल में मरीजों के सेवा करने को कहा है।
पटना [जेएनएन]।एक किशोर जो छोटी-सी उम्र में बड़ा अपराध करता पकड़ा गया तो उसे जुवेनाइल कोर्ट ने अनोखी सजा दी है। घटना बिहार के शेखपुरा जिले की है, जहां के एक किशोर न्यायालय ने अवैध दारु की भटठी चलाने के आरोप में पकड़े गए एक नवयुवक को दलित टोले में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने और अस्पताल में रोगियों की सेवा करने की अनूठी सजा सुनायी है।
शेखपुरा स्थित एक किशोर न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी जिगर शाह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जूरी ने अरियरी थाना क्षेत्र के बरुणा गांव निवासी एक नवयुवक द्वारा अवैध दारु की भट्ठी चलाने की बात स्वीकार करने के बाद अदालत ने उन्हें पहले तीन महीने अपने गांव के दलित टोले में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने और उसके बाद तीन महीने सदर अस्पताल के फिजियोथेरेपी वार्ड में मरीजों की सेवा करने की अनूठी सजा सुनाई।
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अपर लोक अभियोजक ए के दूबे ने बताया कि नाबालिग आरोपी पर शराब के अवैध कारोबार का आरोप था।अरियरी थाना अंतर्गत बरुणा गांव में पुलिस ने पिछले साल जुलाई महीने में दारु की भट्ठी पकडी थी। दारु की भट्ठी का संचालन करने का आरोप इसी नाबालिग पर था।
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उन्होंने बताया कि शनिवार को इस मामले सुनवाई के दौरान उक्त नाबालिग आरोपी द्वारा अपने उपर लगाए गए आरोप को स्वीकार कर लिये जाने पर अदालत ने उन्हें पहले तीन महीने अपने गांव के दलित टोले में बच्चों को ट्यूशन पढाने और इसके बाद तीन महीना सदर अस्पताल के फिजियोथेरेपी वार्ड में मरीजों की सेवा करने की सजा सुनाई।