आयोडीन की दरकार गर्भावस्था से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक
- आयोडीन युक्त भोजन के लिए आशा व सेविका लोगों को जागरूक करेंगी। महत्ता के संबंध मे लोगों को जानकारी देंगी। जागरण संवाददाता, शेख
- आयोडीन युक्त भोजन के लिए आशा व सेविका करेंगी लोगों को जागरूक जागरण संवाददाता, शेखपुरा : आयोडीन ऐसा सूक्ष्म पोषक तत्व है, जिसकी जरुरत गर्भावस्था से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक रहती है। यह सूक्ष्म पोषक तत्व जरूर है, मगर यह लोगों के मानसिक तथा शारीरिक विकास के साथ स्वास्थ्य के अन्य मामलों में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह बात शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. एमपी ¨सह ने आयोडीन को लेकर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कही। यह कार्यशाला स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया था। सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित इस एक दिन के आयोडीन कार्यशाला में जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी, सीडीपीओ तथा महिला सुपरवाइजर भी शामिल हुए। कार्यशाला में नीति आयोग के तहत जिला में स्वास्थ्य विभाग को सपोर्ट कर रही पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यशाला में आम लोगों के बीच आयोडीन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया गया। इस बाबत इस बात पर लोगों ने बल दिया कि ग्रास रूट पर काम करने वाली आशा कार्यकर्ता तथा आंगनबाड़ी सेविका आयोडीन के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फैलाने का काम करेगी। कार्यशाला में गांव-देहात में इस बात को लेकर लोगों को जागरुक करने की जरुरत पर बल दिया गया कि लोग आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करें। कार्यशाला में सिविल सर्जन ने कहा कि आयोडीन ऐसा सूक्ष्म पोषक तत्व है, जिसकी जरुरत गर्भ में पहले वाले शिशु को तीसरे महीने से ही हो जाती है। कार्यशाला में बताया गया कि प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन कम से कम 15 ग्राम आयोडीन की जरुरत होती है।
आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारी
1-घेघा रोग
2-महिलाओं में गर्भपात
3-बच्चों का मानसिक विकास
4-बच्चों का शारीरिक विकास
5-बच्चों में बौनापन। आयोडीन का विभिन्न स्त्रोत
आयोडीन युक्त नमक, दूध, मछली, अंडा, मांस एवं मिट्टी के भीतर से पैदा होने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थ।