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बढ़ सकता है पुलिस विभाग में 55 लाख की अवैध निकासी का दायरा

शेखपुरा : जिला में पुलिस के वेतन-भत्ता के नाम पर 55 लाख रुपए की अवैध निकासी का दायरा अभी और बढ़ सकता

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 10:24 PM (IST)
बढ़ सकता है पुलिस विभाग में 55 लाख की अवैध निकासी का दायरा
बढ़ सकता है पुलिस विभाग में 55 लाख की अवैध निकासी का दायरा

शेखपुरा : जिला में पुलिस के वेतन-भत्ता के नाम पर 55 लाख रुपए की अवैध निकासी का दायरा अभी और बढ़ सकता है। इस मामले में जांच को भी विस्तृत कर दिया गया है। इधर, 55 लाख के इस अवैध निकासी में जांच आगे बढ़ने के साथ ही कई और पुलिस कर्मियों की भी गर्दन फंसने की आशंका बढ़ गई है। इस दायरे में कुछ अधिकारी भी आ सकते हैं। ़िफलहाल 55 लाख की इस अवैध निकासी में पुलिस महकमे से लेकर आम लोगों में भी तरह-तरह की चर्चा गरम हो रही है। इधर इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी की जांच के लिए शेखपुरा पुलिस के इंस्पेक्टर अखिलेश प्रसाद को अनुसंधानकर्ता बनाया गया है। बताया गया कि 55 लाख की इस अवैध निकासी में एसपी आफिस के कर्मी मंटू कुमार की गिरफ्तारी के बाद अन्य नामजद कर्मियों पर भी गिऱफ्तारी की तलवार लटक गई है। बताया गया कि इस मामले में मंटू कुमार के अलावे पुलिसकर्मी सुमित्रा देवी, शकील अख्तर, देवधारी ¨सह, जितेंद्र कुमार सिन्हा, सहदेव चौधरी, संजीत कुमार ¨सह को नामजद किया गया है। इसके अलावे अन्य अज्ञात को भी अभियुक्त बनाया गया है। जांच में जिन-जिन का नाम आगे सामने आएगा, उनको कानून के शिकंजे में लिया जायेगा। इधर, ताजा जानकारी में बताया गया कि अवैध निकासी के इस मामले में जिन पुलिस कर्मियों को नामजद किया गया है, उनमें से कई छुट्टी का आवेदन देकर फरार हो गए हैं।

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शिक्षा विभाग के घपले में डीडीओ के निलंबन के बाद भी नहीं हुई प्राथमिकी शेखपुरा-: वेतन भत्ते में नाम पर इसी तरह की अवैध निकासी कुछ महीने पहले जिला के शिक्षा विभाग में हो चुकी है। शिक्षा विभाग के इस मामले में बरबीघा प्रखंड के डीडीओ विजय पांडे के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई, मगर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी। इस बाबत सामाजिक न्याय अधिकारिता मंच के प्रमुख दुर्गा प्रसाद धर ने बताया कि चार महीने पहले पकड़ में आये शिक्षा विभाग के इस घपले में अगर प्रशासन डीडीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई कर देता तब शायद आज पुलिस में फर्जी निकासी का यह आंकड़ा 55 लाख तक नहीं पहुंच पाता। धर ने आरोप लगाया कि तब के अधिकारी को बचाने के लिए डीडीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई। धर ने पुलिस में हुए इस नये मामले में भी जांच का दायरा पुलिस से आगे बढ़ाने की मांग की है, ताकि इस खेल में जाने-अनजाने सभी को सजा मिल सके।


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