हुजूर, मुझे गांव में ही रहने दीजिए, शहर में मत मिलाइए
शेखपुरा। हुजूर मुझे गांव में ही रहने दीजिए। हम लोग किसान हैं। खेती कर खाते हैं। शहर में शामिल होने से हमारा बड़ा नुकसान हो जाएगा। उक्त बातें गांव के किसान समाहरणालय में पहुंचकर जिलाधिकारी को आवेदन देते हुए कह रहे थे।
शेखपुरा। हुजूर, मुझे गांव में ही रहने दीजिए। हम लोग किसान हैं। खेती कर खाते हैं। शहर में शामिल होने से हमारा बड़ा नुकसान हो जाएगा। उक्त बातें गांव के किसान समाहरणालय में पहुंचकर जिलाधिकारी को आवेदन देते हुए कह रहे थे। बता दें कि नगर परिषद में गांव को शामिल किए जाने से किसानों में काफी नाराजगी है। शहरी सुविधा से एक तरफ जहां वे वंचित हो जाएंगे वहीं गांव को मिलने वाला लाभ नहीं मिलेगा। ज्यादातर गांव के लोग खेती-किसानी पर निर्भर रहने वाले हैं।
वोट की राजनीति के तहत उनको शहर में शामिल कर लिया गया है। इससे लोग काफी आहत हैं। इसी को लेकर सोमवार को तेउस और जगदीशपुर पंचायत के किसान डीएम से मिलने पहुंचे। उनके साथ कई लोग भी शामिल थे। उनके द्वारा जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी दिया गया। ज्ञापन देने वाले शिष्टमंडल का नेतृत्व जदयू के नगर निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव संतोष कुमार शंकु कर रहे थे। साथ ही पंचायत से मिटू सिंह, पंचायत समिति सदस्य पूजा देवी ने नगर परिषद में शामिल किए जाने को लेकर आपत्ति दी। शेखपुरा नगर परिषद के पचना गांव के लोगों ने भी पूर्व में ही ज्ञापन दिया है। जबकि, चकंद्रा पंचायत को चेवाड़ा नगर पंचायत में शामिल किए जाने पर गांव के कई लोगों ने आपत्ति दर्ज करवाई है। यहां के सामाजिक कार्यकर्ता रवि सिंह ने कहा कि यहां सौ फीसद लोग खेती-किसानी पर निर्भर है और उनको नगर में शामिल कर लिया गया है। इससे लोगों को काफी परेशानी होगी। मनरेगा जैसी योजनाओं से गांव के मजदूर वंचित हो जाएंगे।