बाल संवाद शेखपुर: समाज में दोहरी मानसिकता की वजह से बेटों व बेटियों में भेद
दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम में डीएम ने बेटों और बेटियों के बीच अंतर।
शेखपुरा : दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम में डीएम ने बेटों और बेटियों के बीच अंतर को लेकर हर घर तथा परिवार की दोहरी मानसिकता को मुख्य कारण बताया है। बाल संवाद कार्यक्रम में शेखपुरा के उषा पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं के सवाल में डीएम ने कहा कि आज हर घर की बेटियों को लज्जा और मर्यादा का पाठ पढ़ाया जाता है, मगर उसी घर में बेटों को कभी यह सलाह नहीं दी जाती है कि बाहर में किसी लड़की के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना है। दैनिक जागरण द्वारा आयोजित इस बाल संवाद कार्यक्रम में डीएम ने खुलकर स्कूली छात्र-छात्राओं के सवालों का जवाब दिया। छात्र-छात्राओं के दागे गये सवालों पर डीएम ने पढ़ाई और आगे के लक्ष्य से लेकर लड़कियों के यौन शोषण, शहर में पानी और सड़क जाम की बढ़ती समस्या, सरकारी स्कूलों की दशा पर खुलकर अपनी तरफ से जवाब दिया। इस बाल संवाद कार्यक्रम में उषा पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी बिना किसी झिझक के डीएम के सामने खुलकर मन की बात कही। इस बाल संवाद कार्यक्रम में उषा पब्लिक स्कूल के बच्चों स्वर्णिमा कुमारी, साक्षी कुमारी, राजनंदनी कुमारी, नितेश्वर कुमार, नीतीश कुमार, विकास कुमार, सुमित कुमार सहित अन्य ने अपने सवाल पूछे।
प्रश्न: यौन शोषण की शिकार लड़कियों को आत्महत्या तक करनी पड़ जाती है जबकि इसके लिए दोषी लड़के होते हैं?
---स्वर्णिमा कुमारी
उत्तर: डीएम योगेंद्र ¨सह के स्वर्णिमा के इस सवाल के जवाब में कहा कि इसके पीछे समाज की दोहरी मानसिकता मुख्य वजह है। डीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में मुख्य दोषी लड़के होते हैं, मगर दोहरे चरित्र और दोहरी मानसिकता की वजह से समाज शोषण की शिकार हुई लड़कियों को ही दोषी मानता है। डीएम ने कहा कि समाज को अपने दोहरे चरित्र और दोहरी मानसिकता से बाहर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज सभी घरों तथा परिवार में स्कूल-कालेज जा रही बेटियों को बाहर में उनके चरित्र और मर्यादा का पाठ पढ़ाया जाता है,मगर किसी घर में बेटों को यह नहीं सिखाया जाता है किसी भी लड़की के साथ अमर्यादित व्यवहार नहीं करना है। डीएम ने कहा कि समाज को सही दिशा देने के लिए इस तरह का दोहरा मापदंड और दोहरा चरित्र छोड़ना पड़ेगा।
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प्रश्न: शहर में पानी और सड़क जाम की बढ़ती समस्या के निदान को प्रशासन के पास क्या प्लान है?
---राजनंदनी कुमारी
उत्तर: राजनंदनी के सवाल के जवाब में डीएम ने इन मुद्दों पर प्रशासन की कार्यवाही का प्लान स्कूली बच्चों के समक्ष रखने के साथ इन मुद्दों के लिए मानवीय कारणों को भी रेखांकित किया। डीएम ने अपने जबाब में कहा कि दोनों समस्या के पीछे मानवीय कारण भी एक मुख्य वजह है। डीएम ने कहा कि मुख्य बाजार में सड़कों की सड़कों की चौड़ाई को बढ़ाया नहीं जा सकता है। लोग सड़क पर ही दूकान और ठेला लगाकर सड़क की वास्तविक चौड़ाई को छोटा कर रहे हैं। यह मुख्य रूप से मानवीय कारण है। पानी की बढ़ती समस्या के पीछे कम होती बरसात और जल संचय के ़खत्म होते संसाधन मुख्य वजह है। डीएम ने राजनंदनी को जिला प्रशासन की तरफ से आश्वस्त किया कि जीप प्रशासन शहर की इन दोनों समस्या के स्थाई निदान के लिए प्रयारत है।
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प्रश्न: सड़क पर रोज बेटियां मनचलों की शिकार हो रही हैं, इसे रोकने के लिए प्रशासन के पास कोई योजना है?
साक्षी कुमारी
उत्तर: साक्षी के इस सवाल पर डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन जिला के सभी नागरिकों के जान-माल के साथ उनके इज्जत-आबरू की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। डीएम ने कहा कि प्रशासन अपनी इस जिम्मेवारी में बेटियों की सुरक्षा को सबसे उंची प्राथमिकता सूची में रखा है। डीएम ने साक्षी को आश्वस्त किया कि इस तरह की घटना पर रोक लगाने के लिए शहर में सुरक्षा-व्यवस्था को पहले से टाईट किया गया है। शहर के भीड़-भाड़ वाले स्थानों तह चौक-चौराहों पर पुलिस एवं महिला पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। डीएम ने कहा कि इस तरह के शोहदों पर नजर रखने के लिए तीसरी आंख सीसी कैमरे का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए शहर के सभी चौराहों पर उच्च क्षमता वाले सीसी कैमरे लगाये गए हैं।
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प्रश्न : बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है। इस पर जिला प्रशासन का क्या विचार है?
---नितेश्वर कुमार
उत्तर: छात्र नितेश्वर कुमार के इस सवाल के जवाब में डीएम योगेंद्र ¨सह ने कहा कि देश में बेरोजगारी की समस्या को लोग दूसरे आइने से देख रहे हैं। रोगजार मतलब जब तक सिर्फ सरकारी नौकरियों तक सीमित रखकर देखा जाता रहेगा,तब तक इतने विशाल और विविधता वाले देश में बेरोजगारी की समस्या का स्थाई हल नहीं निकल सकता है। डीएम ने बेरोजगारी की समस्या के निदान के लिए युवाओं में स्किल्ड डेवलपमेंट पर जोर दिया और रोजगार के लिए स्वरोजगार को सबसे बड़ा कदम बताया। डीएम ने कहा कि देश में जितनी संख्या में पढ़े-लिखे और प्रशिक्षित युवाओं की फौज खड़ी हो रही है,उतनी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं। डीएम ने स्वरोजगार के लिए युवाओं को खुद में कौशल विकास करें। इसके लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रम भी चला रही है।
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प्रश्न : न्यूज चैनलों के प्रस्तुतीकरण से समाज में विभेद पैदा हो रहा है। इसे कैसे रोका जा सकता है?
----नीतीश कुमार
उत्तर: इस सवाल के जवाब में डीएम ने कहा कि समाज में कई तरह के काम चलते रहते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस दिशा में खुद को लगाते हैं। डीएम ने नीतीश से प्रति-प्रश्न किया कि आप कौन से न्यूज चैनल देखते हैं।इसी कड़ी में डीएम ने नीतीश को सलाह दी कि आप जिस न्यूज चैनल को लेकर यह बात उठा रहे हैं, उसके अलावे भी दूसरे चैनल का न्यूज और डिवेट देखिए। इससे आपके मन की भ्रांति निकल जायेगी। डीएम ने बाल संवाद में उपस्थित छात्र-छात्राओं को सलाह दी कि टीवी और स्मार्ट मोबाइल का इस्तेमाल शिक्षा ग्रहण करने की जरूरतों को पूरा करने की नीयत से करें।
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प्रश्न : निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों की स्थिति ़खराब क्यों हैं 7इसके सुधर के लिए आपकी क्या योजना है?
-सुमित
उत्तर : डीएम ने इस सवाल के जबाब में कहा कि सरकारी स्कूलों को साधन संपन्न बनाने के लिए कई स्तरों पर कार्यवाही चल रही है। डीएम ने कहा कि सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों के मन में बढ़ता मोह और लगाव ही सरकारी स्कूलों की उपेक्षा की मुख्य वजह है। छात्र सुमित के सवाल का जबाब देते हुए अपना उदारहण दिया। डीएम ने कहा कि उन्होंने गांव के सरकारी स्कूल से प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल तक की शिक्षा ग्रहण करके संघ लोक सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल किया। डीएम ने सुमित के सवाल के जबाब में कहा कि अपग्रेड किये गए सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की भी कार्यवाही की जा रही है। डीएम ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अन्य तरह के जरुरी संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का भी काम किया जा रहा है।