पुलिस आफिस से अवैध निकासी में डीडीओ की भूमिका संदिग्ध
शेखपुरा: जिला के पुलिसकर्मियों के नाम निर्धारित वेतन-भत्ता से अधिक निकासी में हुए 50 से 55 लाख के फर
शेखपुरा: जिला के पुलिसकर्मियों के नाम निर्धारित वेतन-भत्ता से अधिक निकासी में हुए 50 से 55 लाख के फर्जीवाड़ा में डीडीओ की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अगर इस मामले में यह आशंका आगे जांच में सही पाई गई तो शेखपुरा पुलिस आफिस के कई व्ययन एवं निकासी पदाधिकारी (डीडीओ) पर कार्रवाई की तलवार चल सकती है। इस बाबत एसपी दयाशंकर ने बताया कि हेडक्वार्टर डीएसपी ही पुलिस आफिस के डीडीओ होते हैं। जांच में अगर डीडीओ की भूमिका गलत पाई गई तो इस केस में उन्हें भी अभियुक्त बनाया जायेगा। यहां बताना जरुरी है कि गुरुवार को इसी मामले की तहकीकात में शेखपुरा आये मुंगेर के डीआईजी ने कहा है कि इस तरह की निकासी की पड़ताल 2010 से ही कराई जा रही है। अगर इस मामले में डीडीओ की संलिप्तता की बात सही निकली तो शेखपुरा में हेडक्वार्टर डीएसपी की कुर्सी पर रहे कई अधिकारी कार्रवाई के लपेटे में आ सकते हैं। एसपी ने बताया कि इस मामले में नामजद बनाये गए मंटू पासवान को जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त बनाये गए 6 अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ अभी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। एसपी ने बताया कि लगभग 55 लाख की इस अवैध निकासी के मामले में 12 लाख रुपये वापस जमा करा लिए गए हैं। इस मामले में सात पुलिसकर्मियों के बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। इन फ्रीज हुए खाते में लगभग 10 लाख रुपए जमा हैं। एसपी ने बताया कि जिन 6 पुलिस कर्मियों को मंटू के साथ अभियुक्त बनाया गया है, मंटू उन्हीं के खाते में रुपए भेजता था। एसपी ने बताया कि इन विभिन्न खातों में रुपए भेजकर मंटू फिर उनसे रुपए वापस मांग लेता था।
सरकारी कार्यालयों के निकासी-व्ययन की जांच को कमेटी गठित
जा सं शेखपुरा-डीएम ने जिला के सरकारी कार्यालयों में रुपयों के निकासी एवं व्ययन की जांच के लिए जांच कमेटी का गठन किया है। डीडीसी निरंजन कुमार झा को इस जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। डीएम ने जांच कमेटी को एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। डीएम के इस कदम को जिला के एसपी आफिस से पुलिस कर्मियों के वेतन-भत्ते में 50 लाख की फर्जी और अवैध निकासी के मामले को जोड़कर देखा जा रहा है। जानकार लोगों का कहना है कि हो सकता है जिला प्रशासन के अधीन विभिन्न विभागों में भी कहीं इस तरह का मामला नहीं हो। इसी की जांच के लिए यह कमेटी बनाई गई है। जांच कमेटी में डीडीसी के साथ नजारत वरीय उप समाहर्ता प्रमोद राम, डिविजन अकाउंट अफसर अभिमन्यु कुमार तथा लेखा पदाधिकारी राकेश रंजन को शामिल किया गया है। जांच टीम को जिला के सभी सरकारी कार्यालयों के मासिक लेखा की समीक्षा, वेतन एवं अन्य मद में प्राप्त आवंटन से जुड़े लेखा बही की जांच वित्तीय वर्षवार करने का निर्देश दिया गया है।