सरकार पान की खेती को कृषि का दर्जा दे
25 सितंबर को शेखपुरा में चौरसिया मंच का जिला सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू कर दिया गया है। यह सम्मेलन शेखपुरा के टाउन हाल में होगा।
शेखपुरा । 25 सितंबर को शेखपुरा में चौरसिया मंच का जिला सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू कर दिया गया है। यह सम्मेलन शेखपुरा के टाउन हाल में होगा। इसमें जिला के चौरसिया समाज के आस-पड़ोस के जिलों से समाज के प्रतिनिधि बुलाये जा रहे हैं। इसी तैयारी के तहत बुधवार को शेखपुरा में मंच के पदाधिकारियों तथा प्रमुख लोगों ने जिला सम्मेलन के एजेंडे को अभी अंतिम रूप दिया। इस बैठक में जिलाध्यक्ष विपिन चौरसिया, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार, सचिव चुनचुन कुमार तथा कोषाध्यक्ष धीरज कुमार मुन्ना के अलावे भरत भूषण, संजय कुमार, विनय कुमार आदि प्रमुख लोग भी शामिल हुए।
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अध्यक्ष ने बताया कि मंच के जिला सम्मेलन के लिए कई एजेंडा तय किया गया है। इसमें सबसे प्रमुख एजेंडा पान की खेती को कृषि का दर्जा दिलाने, केंद्र में ओबीसी को आबादी के हिसाब से आरक्षण देने, बिहार की तरह केंद्र में भी ईबीसी बनाने की मांग की जायेगी। चौरसिया समाज की पहचान पान की खेती है। पान की खेती को कृषि का दर्जा नहीं मिलने की वजह से इसकी खेती करने वाले किसानों को कृषि से जुड़ी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। बाढ़, सुखाड़ तथा शीतलहरी में पान की फसल को होने वाले नुकसान के बदले किसानों को मुआवजा भी नहीं मिल पाता है। बिहार में ओबीसी को उसकी आबादी के हिसाब से सरकार आरक्षण की व्यवस्था करे। बिहार में ओबीसी की आबादी 38 प्रतिशत है मगर आरक्षण के कोटा काफी कम रखा गया है। केंद्र में ओबीसी नहीं रहने की वजह से सबसे अधिक नुकसान इसी वर्ग को उठाना पड़ रहा है। इस लिए केंद्र में भी राज्यों की तरह ओबीसी वर्ग का निर्धारण किया जाये।