सब रजिस्ट्रार के नाजायज वसूली की डीएम से शिकायत, जांच टीम गठित
शेखपुरा रजिस्ट्री कचहरी के डीएसआर सरोज कुमार सिंहा के खिलाफ शिकायतों का पुलिदा डीएम को सौंपा गया है। शिकायतों का यह पुलिदा कोई आम नागरिक ने नहीं बल्कि रजिस्ट्री कहचरी के रीढ़ समझे जाने वाले मुंसियों यानी की वसीका नबीस संघ ने सौंपा है। इधर संघ की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीएम ने इसकी जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी है। जिला लोक जनशिकायत पदाधिकारी हरीशंकर राम को इसके लिए डीएम ने जांच पदाधिकारी नियुक्त किया है।
शेखपुरा:
शेखपुरा रजिस्ट्री कचहरी के डीएसआर सरोज कुमार सिंहा के खिलाफ शिकायतों का पुलिदा डीएम को सौंपा गया है। शिकायतों का यह पुलिदा कोई आम नागरिक ने नहीं बल्कि रजिस्ट्री कहचरी के रीढ़ समझे जाने वाले मुंसियों यानी की वसीका नबीस संघ ने सौंपा है। इधर संघ की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीएम ने इसकी जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी है। जिला लोक जनशिकायत पदाधिकारी हरीशंकर राम को इसके लिए डीएम ने जांच पदाधिकारी नियुक्त किया है।
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वास्तविक कार्य में जानबूझकर बाधा इसकी जानकारी देते हुए वसीका नवीस संघ के महासचिव कृष्णनंदन यादव ने बताया कि डीएसआर (जिला सब रजिस्ट्रार) की कार्यसंस्कृति से आजि•ा संघ ने डीएम से शिकायत की है। यादव ने बताया कि सिंहा पहले भी शेखपुरा में सब रजिस्ट्रार के रूप में पदस्थापित रह चुके हैं। इस बार जिला सब रजिस्ट्रार बनकर आने के बाद वास्तविक कार्य में जानबूझकर बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। यह बाधा नाजायज वसूली के लिए खड़ी की जाती है। संघ के महासचिव ने बताया कि रुपया एठने के लिए लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।
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महिलाओं से आपत्तीजनक सवाल जमीन-मकान की खरीद करने वाले महिलाओं से आपत्तीजनक सवाल पूछे जाते है। जिसकी वजह से महिला खरीदार इजलास पर जाने से हिचकती है। जमीन-मकान खरीदने वाले महिलाओं को इजलास पर सोना-चांदी खरीदने की सलाह खुद डीएसआर देते हैं। इधर जानकारी में बताया गया कि डीएम के निर्देश पर जिला लोक जनशिकायत पदाधिकारी ने अपनी जांच भी शुरू कर दी है। इस जांच में दो दर्जन से अधिक वसीका नबीसों ने संघ की शिकायत के समर्थन में डीएसआर के खिलाफ अपनी गवाही दर्ज कराई है। इस बाबत डीएसआर या फिर लोक जनशिकायत पादधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। --
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर डीएसआर सरोज कुमार सिंहा ने बताया कि उनके उपर इस तरह का अरोप बेबुनियाद लगाया गया है। आवेदन देने की बात उनके संज्ञान में नहीं है। अधिकारियों के द्वारा पूछे जाने पर उनको जबाब दिया जाएगा।